उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गो संरक्षण केन्द्रों की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंश संरक्षण के लिए राज्य सरकार ने सभी जिलों में पर्याप्त संख्या में गो आश्रय स्थलों की व्यवस्था की है। सभी जिलाधिकारी यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी गोवंश छुट्टा न घूमें। इन्हें गो आश्रय स्थल में लाकर इनकी समुचित देखभाल की जाए। पशुपालन विभाग छुट्टा जानवरों को गो संरक्षण केन्द्रों में पहुंचाए। इसके लिए टीम गठित कर प्रभावी कार्य किया जाए।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि गो संरक्षण केन्द्रों में पशुओं के चारे, पानी, सुरक्षा, साफ-सफाई आदि की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। पशुओं को ठंड से बचाने तथा स्वास्थ्य की देखभाल के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। संरक्षण केन्द्रों में केयरटेकर तैनात रहें, जो इन पशुओं की देख-रेख करें।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार ने ‘मुख्यमंत्री निराश्रित, बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ को लागू किया है। इस योजना के तहत कोई भी इच्छुक किसान, पशुपालक निराश्रित गोवंश का पालन-पोषण करने के लिए अपने पास रख सकता है। कुपोषित बच्चों के लिए दूध की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु परिवार को उनकी इच्छा पर एक निराश्रित गोवंश दिए जाने की भी व्यवस्था की गई है।
इस योजना के अन्तर्गत गोवंश के पालन-पोषण के लिए लाभार्थी को 900 रुपये प्रतिमाह प्रति गोवंश प्रदान किए जाने का प्रावधान है। प्रदेश में पोषण मिशन के तहत एक हजार 883 कुपोषित परिवारों को कुल एक हजार 894 गोवंश तथा मुख्यमंत्री सहभागिता योजना के तहत 56 हजार 853 पशुपालकों को एक लाख तीन हजार 714 गोवंश सुपुर्द कर लाभान्वित किया गया है।
वर्तमान में प्रदेश में पांच हजार 384 गोसंरक्षण केंद्र कार्यरत हैं। इनमें छह 50 हजार 52 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। पशुओं के भरण-पोषण हेतु पशुपालन विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी धनराशि से आठ लाख 66 हजार 348 कुन्तल भूसा खरीदा गया है। जबकि दान दाताओं के माध्यम 21 हजार 037 कुन्तल भूसा उपलब्ध कराया गया है।
इस प्रकार प्रदेश में निराश्रित गोवंश के लिए आठ लाख 87 हजार 385 कुन्तल भूसा उपलब्ध कराया गया है। निराश्रित गोवंश के लिए चारे-भूसे की उपलब्धता बनी रहे, इसके लिए जिले में तीन हजार 548 भूसा बैंक स्थापित किए गए हैं।
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