विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक नए खुलासे ने कोरोना को लेकर चीन की दिखाई गई मक्कारी का तार-तार कर दिया है। कोरोना की उत्पत्ति चीन में हुई, दुनियाभर के वैज्ञानिकों के इस दावे की लगभग पुष्टि करता डब्ल्यूएचओ का बयान एक नई रोशनी डाल रहा है।
इसमें संदेह नहीं है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर कम्युनिस्ट विस्तारवादी देश चीन शक के घेरे में रहा है। लेकिन अब कोरोना के पहले मरीज की तकरीबन पहचान होने पर भी सबकी निगाहें एक बार फिर शी जिनपिंन की सरकार की करतूतों की तरफ उठी हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के नए खुलासा से साफ हुआ है कि चीन ने जिसे कोरोना महामारी का पहला मरीज घोषित किया था, वह असल में पहला मरीज था ही नहीं। कोरोना वायरस का पहला सिम्टोमैटिक केस थी हुआनान में सी फूड बाजार की एक महिला दुकानदार। जबकि चीन ने दावा किया था कि वहां पेशे से लेखाकार एक व्यक्ति कोविड19 का पहला शिकार था। लेकिन एक नए शोध ने बताया है कि कोरोना महामारी के उपजने को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की जांच का शुरु का घटनाक्रम संभवत: गलत साबित हो।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट है कि कोरोना वायरस की पहली मरीज वुहान के हुआनान इलाके में जीवित समुद्री जानवरों के बाजार की दुकानदार थी। वुहान ही चीन का वह शहर है जहां से 2019 में कोरोना महामारी का पहला मामला सामने आया था। विज्ञान की एक प्रतिष्ठित पत्रिका की एक रिपोर्ट में अमेरिका के एरिज़ोना विश्वविद्यालय में इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन बायोलॉजी विभाग के अध्यक्ष माइकल वोरोबे का कहना है कि चीन के उस लेखाकार को कोरोना से पीड़ित पहला आदमी माना गया था, जिसमें 16 दिसंबर 2019 को कोरोना के लक्षण दिखाई दिए थे। लेकिन लेखाकार में कोरोना के वे लक्षण हुआनन सी फूड बाजार में काम करने वाले लोगों में ऐसे लक्षण दिखने के बाद सामने आए थे। वहां कोरोना का कहर 11 दिसंबर को ही शुरु हो गया था और सबसे पहले एक महिला दुकानदार का केस सामने आया था।
न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट है कि कोरोना वायरस की पहली मरीज वुहान के हुआनान इलाके में जीवित समुद्री जानवरों के बाजार की दुकानदार थी। वुहान ही चीन का वह शहर है जहां से 2019 में कोरोना महामारी का पहला मामला सामने आया था।
डब्ल्यूएचओ के कोरोना शोधकर्ताओं के दल के एक सदस्य के अलावा भी अनेक विशेषज्ञों ने वोरोबे के शोध का बेहतर बताया है। यहां यह ध्यान रखना जरूरी है कि इस साल जनवरी में डब्ल्यूएचओ के शोधकर्ताओं के दल ने चीन का दौरा करके उस लेखाकार से भेंट की थी, जिसमें दिसंबर में कोरोना वायरस के लक्षण दिखे थे।
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