असम स्थित करीमगंज में मामूली विवाद में उन्मादी भीड़ एक हिन्दू युवक को पीट—पीटकर मार डालती है। लेकिन मुख्य धारा के मीडिया से यह खबर नदारद रहती है। उल्टे मीडिया का एक वर्ग लंबे समय से देश में एक नैरेटिव चलाने के प्रयास रहता है कि देश के विभिन्न क्षेत्रों में मुस्लिम समुदाय पर अत्याचार हो रहा है और मुस्लिमों को सड़कों पर लिंच किया जा रहा है। जबकि हकीकत कुछ और ही है।
ताजा घटना करीमगंज के पाथरकंडी की है। एक मामूली विवाद में उग्र मुस्लिम भीड़ राजकुमार गोयला की जान ले लेती है। जब इस बात की खबर स्थानीय लोगों को हुई तो आक्रोशित लोग सड़कों पर उतरे। स्थिति नियंत्रण के लिए पुलिस बल को मोर्चा संभालना पड़ा। बहरहाल, पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान ज़लीलुद्दीन और नूरुद्दीन के रूप में हुई है।
क्या थी घटना
खबरों के अनुसार 29 अक्टूबर, 2021 को सालगाई क्षेत्र के निवासी प्रिंस गोवाला मोटरसाइकिल से लोरपोया जा रहे थे। इलाके के नेशनल हाईवे पर हाथियों ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी और एक साइकिल सवार को भी टक्कर लग गई। हादसे में साइकिल सवार कुरमन अली गिर गया और मामूली रूप से घायल हो गया। तभी कुरमन अली और उसके साथी राजकुमार को घसीट कर अपने इलाके में ले गए। वहां उसे भीड़ द्वारा बुरी तरह पीटा गया। पिटाई से जब वह होश खो बैठे तो आरोपित उसे छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने राजकुमार को उठाकर सिलचर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया, जहां रविवार को उसकी मृत्यु हो गई। राजकुमार का शरीर सलगाई क्षेत्र में उनके घर पहुंचाया गया। इसके बाद स्थानीय निवासी आक्रोशित हो उठे। उन्होंने असम-त्रिपुरा राष्ट्रीय राजमार्ग 6 को अवरुद्ध कर दिया और वहां विरोध प्रदर्शन प्रारम्भ कर दिया।
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