बिहार पिछले कुछ महीनों से बम धमाकों से थर्रा रहा है। एक बम धमाके की आवाज शांत नहीं होती है कि तब तक दूसरा बम धमाका हो जाता है। पहले ये धमाके कुछ वर्षों के अंतराल पर सुनाई देते थे। अब धमाके हर महीने सुनाई दे रहे हैं। इस बार बम विस्फोट पटना के दानापुर में हुआ। दानापुर के सुल्तानपुर लाल कोठी इलाके में 14 नवंबर को जबर्दस्त धमाका हुआ। इस दिन जनकधारी स्कूल के पीछे दो घरों के पीछे जर्जर दीवार में रखा बम फटा। धमाका इतना जोरदार था कि दीवार के बीच का हिस्सा खोखला हो गया और वहां अंधेरा छा गया।
इस बम धमाके में जायदा खातून और उसका चार वर्षीय पुत्र अब्दुल्ला घायल हो गया। जायदा के सिर में गंभीर चोट लगी है। वहीं इस धमाके के कारण अब्दुल्ला के कान से खून निकलने लगा। धमाके से आस-पास के घरों की खिड़कियों के शीशे चकनाचूर हो गए। पुलिस ने इस मामले में शफीक और मोहम्मद औन के बेटे तौसीक को हिरासत में लिया है। दीवार की एक तरफ मोहम्मद औन का घर है, तो दूसरी तरफ शफीक का घर है। पुलिस इन दोनों से लगातार पूछताछ कर रही है। दोनों ने एक-दूसरे पर दीवार में बम रखने का आरोप लगाया है।
धमाके की सूचना मिलते ही पुलिस अधिकारियों में हड़कंप मच गया। घटनास्थल पर पटना के वरीय पुलिस अधीक्षक उपेन्द्र शर्मा, पटना पश्चिम के आरक्षी निरीक्षक अशोक मिश्र, दानापुर के एएसपी सैयद इमरान मसूद और थानेदार अजीत साह पहुंचे। एफएसएल की टीम ने घटना स्थल के पास से कुछ सबूत इकट्ठे किए हैं। टीम को मिट्टी में लोहे के छोटे टुकड़े इत्यादि मिले हैं। एफएसएल और एटीएस की टीम इस घटना की गंभीरता से जांच कर रही है। एफएसएल रिपोर्ट मिलने के बाद ही पता चलेगा कि बम किस प्रकार का था। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि यह छोटा बम था या बड़ा।
बता दें कि लाल कोठी के पास अक्सर बम धमाके होते रहते हैं। लेकिन पुलिस इस मामले में गंभीर नहीं रहती है। एक माह पहले भी इसी इलाके में देर शाम को तेज धमाका हुआ था। उस धमाके से पूरा इलाका थर्रा गया था। हालांकि पुलिस इसे स्वीकार नहीं करती।
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