वसीम रिजवी ने एक बार फिर कट्टरपंथियों को बेचैन कर दिया है. उन्होंने अपनी वसीयत बनाई है. इस वसीयत में उन्होंने लिखा है कि उनके मरने के बाद उन्हें कब्रिस्तान में न दफनाया जाए बल्कि हिन्दुओं की भांति उनका अंतिम संस्कार श्मशान घाट पर किया जाए.
वसीम रिजवी ने अपने बयान का एक वीडियो जारी करते हुए कहा कि “कट्टरपंथियों ने ऐलान किया है कि मेरे मरने के बाद कब्रिस्तान में मुझे स्थान नहीं देंगे. मेरे मरने के बाद देश में शांति व्यवस्था बनी रहे इसलिए मैंने वसीयतनामा लिखकर प्रशासन को भेज दिया है. मेरे प्राण निकलने के बाद हिंदू रीति रिवाज से मेरा अंतिम संस्कार किया जाए. डासना मंदिर के महंत नरसिम्हा नन्द सरस्वती मेरे मृत शरीर को मुखाग्नि देंगे."
वसीम रिजवी का कहना है कि “देश और दुनिया में मेरी हत्या करने की साजिश रची जा रही है. कुछ लोग इनाम देने की बात भी कर रहे हैं. मैंने कुरान की 26 आयतों को हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. इस बात से कट्टरपंथी आक्रोशित हैं. मेरा अपराध यह है कि मैंने मोहम्मद साहब पर एक किताब लिखी है, इसलिए कट्टरपंथी मेरी हत्या करना चाहते हैं.”
उन्होंने यह भी कहा कि “मेरे मरने के बाद शांति व्यवस्था बनी रहे इसलिए मैंने एक वसीयत बना दी है. मेरी मृत्यु के बाद मेरा मृत शरीर मेरे हिंदू मित्रों को दे दिया जाए और चिता बनाकर मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए. चिता में अग्नि हमारे यति नर्सिम्हानंद नन्द सरस्वती जी देंगे.”
टिप्पणियाँ