पुंछ में सेना द्वारा चलाया जा रहा ऑपरेशन जारी है। इलाके के जंगलों में पिछले 30 दिन से आतंकियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जो लगभग 50 किलोमीटर के जंगल के दायरे में जारी है। खबरों के अनुसार 11 अक्टूबर को पुंछ के डेरा की गली में सुबह पांच बजे के आसपास सेना की एक टुकड़ी पर आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया था। इस हमले में पांच जवान बलिदान हो गए थे। इसके बाद कई घंटों तक आतंकियों से मुठभेड़ चली। आतंकी घने जंगल और मौसम का फायदा उठाकर दूसरे जंगल भट्टा दूरिया में जाकर छिप गए थे। सेना और पुलिस की टीमें आतंकियों के पीछे लगी हुई थीं और इन आतंकियों के साथ फिर 13 अक्टूबर को मुठभेड़ शुरू हुई। इसमें भारतीय सेना के चार जवान और बलिदान हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान आतंकी घने जंगलों में जाकर छिप गए थे। तभी से इन आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन जारी है, जिसमें सेना के साथ-साथ जम्मू-कश्मीर पुलिस का स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप भी शामिल है।
हालांकि कितने आतंकी जंगलों में मौजूद हैं और कहां छिपे हैं, इसकी पूरी जानकारी नहीं मिल रही है। सेना के सूत्रों का कहना है कि जंगल के भीतर कुछ प्राकृतिक गुफाएं हैं, जिसमें आतंकी छिपे हो सकते हैं। खबरों के अनुसार अभी तक पुलिस ने 26 ओवर ग्राउंड आतंकी वर्करों को उन इलाकों से गिरफ्तार किया है, जो आतंकियों तक खाने-पीने का सामान पहुंचाते थे और सुरक्षा बलों के हर मूवमेंट की जानकारी आतंकियों को मुहैया करवा रहे थे। पुंछ जिले के मेंढर सब डिविजन में तीन ऐसे ओवर ग्राउंड आतंकी वर्कर थे, जो यहां से भाग कर नेपाल चले गए थे और वहीं से सऊदी अरब और फिर पाकिस्तान पहुंचने की फिराक में थे। लेकिन पुलिस ने उन्हें काठमांडू एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक सभी ओवर ग्राउंड आतंकी वर्करों से अलग-अलग सुरक्षा एजेंसी पूछताछ कर रही हैं। बीते मंगलवार की रात सुरक्षाबलों ने 5 लोगों को मेंढर, सुरनकोट, राजौरी से गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक गिरफ्तार 5 ओवर ग्राउंड आतंकी वर्करों ने पूछताछ में कबूला है कि उन्हें सीमा पार से संदेश मिलते थे और फिर ये घुसपैठ कर भारत में घुसने वाले आतंकियों को आगे के रास्ते की जानकारी देते थे। पुंछ और राजौरी में एलओसी में कई ऐसे इलाके हैं, जिनके रास्ते ये आतंकी घुसपैठ करते हैं। हालांकि सभी सुरक्षा एजेंसी सतर्क हैं और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई जारी है।
टिप्पणियाँ