अमेरिका दुनिया में अनेक बड़ी विनिर्माण परियोजनाओं में निवेश करने की तैयारी कर चुका है। विशेषज्ञ अमेरिका के इस कदम को चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना की एक प्रभावी काट के रूप में देख रहे हैं
चीन जिस तरह से अपनी बेल्ट एंड रोड परियोजना को लेकर दुनिया भर को अपनी ताकत प्रदर्शित कर रहा है और दुनिया के बाजारों पर छा जाने की कोशिश कर रहा है, उसका अब तोड़ निकाला है अमेरिका ने। अमेरिका दुनिया में अनेक बड़ी विनिर्माण परियोजनाओं में निवेश करने की तैयारी कर चुका है। विशेषज्ञ अमेरिका के इस कदम को चीन की बेल्ट एंड रोड परियोजना की एक प्रभावी काट के रूप में देख रहे हैं। इस विशाल निवेश के अंतर्गत अमेरिका सेनेगल और घाना में 10 अहम परियोजनाओं पर नजर डाल चुका है। इस खाके को अंजाम देने के लिए अनेक अमेरिकी अधिकारी, निजी क्षेत्र के बड़े नामों के साथ लगातार बैठकें कर रहे हैं। ये अधिकारी जी—7 समूह के माध्यम से भी इस 'बिल्ड फॉर बेटर वर्ल्ड इनिशिएटिव' के अंतर्गत परियोजनाओं की पहचान में जुटे हैं।
अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल ने गत अक्तूबर में इसी संदर्भ में इक्वाडोर, पनामा और कोलंबिया का दौरा भी किया था। अधिकारियों का कहना है कि जी—7 देशों की इस पहल का उद्देश्य विकासशील देशों की विनिर्माण परियोजनाओं को 40 खरब डॉलर तक कम करना और चीन द्वारा शुरू किए गए कर्ज के चलन का विकल्प प्रदान करना है।
प्राप्त समाचारों के अनुसार, अमेरिका के प्रतिनिधिमंडल ने गत अक्तूबर में इसी संदर्भ में इक्वाडोर, पनामा और कोलंबिया का दौरा भी किया था। लेकिन फिलहाल अधिकारियों ने किसी एशियाई देश का नाम नहीं लिया है। अधिकारियों का कहना है कि जी—7 देशों की इस पहल का उद्देश्य विकासशील देशों की विनिर्माण परियोजनाओं को 40 खरब डॉलर तक कम करना और चीन द्वारा शुरू किए गए कर्ज के चलन का विकल्प प्रदान करना है।
बताया जा रहा है कि अमेरिका विकासशील देशों को जलवायु, स्वास्थ्य, डिजिटल तक्नोलॉजी आदि क्षेत्रों में काम करने के लिए इक्विटी स्टेक्स, कर्ज गारंटी, राजनीतिक बीमा, अनुदान आदि सहित अमेरिकी निवेश की पूरी श्रृंखला प्रस्तुत करेगा। फिलहाल उन शीर्ष परियोजनाओं की पहचान करने की कोशिश की जा रही है जिन्हें 2021 की आरम्भ किया जा सकता है।
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