पश्चिम बंगाल के सीमांत जिलों में बांग्लादेश के रास्ते तस्करी कोई नई बात नहीं है। आए दिन गाय, मादक पदार्थ, हथियारों के जखीरे बरामद होते रहते हैं। लेकिन नदिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास दक्षिण बंगाल फ्रंटियर की सीमा चौकी बानपुर और मटियारी पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को एक खुफिया सूचना मिली कि तस्कर बांग्लादेश के रास्ते कुछ दुर्लभ प्रजाति के विदेशी पक्षियों को भारत ला रहे हैं। सुरक्षा बलों ने तुरंत मुस्तैदी दिखाते हुए कार्रवाई की और बानपुर और मटियारी के जवानों ने 9 विदेशी पक्षियों (काले हंस) को तस्करों से मुक्त कराया। बीएसएफ ने एक बयान में बताया कि इन काले हंसों को उस समय मुक्त कराया गया, जब तस्कर सीमा चौकी बानपुर और मटियारी क्षेत्र से उन्हें तस्करी के उद्देश्य से बांग्लादेश से भारत लाने की कोशिश कर रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि एक विश्वसनीय सूचना मिलने पर सीमा चौकी बानपुर और मटियारी के सतर्क जवानों ने सीमा के पास चार-पांच संदिग्ध तस्करों को प्लास्टिक के बैगों के साथ देखा। जवानों को अपनी ओर आते देख तस्कर अंतरराष्ट्रीय सीमा की ओर भागने लगे। जवानों द्वारा लगातार पीछा किए जाने पर तस्कर प्लास्टिक के बैगों को जमीन पर फेंक बांग्लादेश की ओर भाग गए। इन प्लास्टिक के बैगों से नौ काले हंस मिले। बीएसएफ ने जब्त हंसों को आगे की कार्यवाही के लिए वन विभाग राणाघाट को सौंप दिया है। बीएसएफ अधिकारियों का कहना है कि बंगाल सीमा से पहली बार काला हंस जब्त किया गया है। गौरतलब है कि काला हंस मुख्यत: आस्ट्रेलिया के दक्षिण पूर्वी और दक्षिण पश्चिमी क्षेत्रों में पाया जाता है। इसका शरीर काला और चोंच लाल रंग की होती है। स्थानीय परिस्थिति और मौसम के अनुसार यह प्रवास कर अपना निवास बदलता रहता है। बीएसएफ का कहना है कि चूंकि तस्कर हंस को छोड़कर भाग निकले इसलिए यह पता नहीं चल सका है कि इसे किसे सौंपा जाना था और इसके पीछे क्या उद्देश्य था।
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