धारचूला से कैलाश मानसरोवर जाने वाले करीब 60 किलोमीटर मार्ग पर बीआरओ ने सड़क बनाने का काम पूरा कर लिया है। डामरीकरण का काम बर्फ पिघलने के बाद पूरा हो जाएगा। रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट ने व्यास घाटी का दौरा कर ॐ पर्वत और आदि कैलाश तक सड़क मार्ग की समीक्षा की।
जानकारी के मुताबिक कैलाश मानसरोवर यात्रा में चीन ने तिब्बत क्षेत्र में पहले से ही सड़क बनाई हुई थी। भारत की सेनाएं खच्चरों और पैदल ही गश्त लगाती हैं और यात्री भी पैदल या घोड़ों की मदद से सफर पूरा करते रहे हैं।
मोदी सरकार ने इस सड़क के महत्व को समझते हुए इस पर युद्ध गति से काम शुरू करवाया। इस वक्त लीपुपास तक सड़क कट चुकी है और यहां बीआरओ ही नहीं, स्थानीय लोगों के वाहन भी आने जाने लगे हैं। रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट ने सांसद अजय टम्टा के साथ सड़क मार्ग की समीक्षा करने के बाद बताया कि बॉर्डर तक सड़क के डामरीकरण का काम शुरू हो रहा है। पहले चरण में 60 करोड़ की लागत आएगी। इनदिनों व्यास घाटी में बर्फबारी होती है, लिहाजा डामरीकरण नहीं हो पायेगा। शरद ऋतु के तुरंत बाद सड़क पक्की हो जाएगी।
इस सड़क के बन जाने से व्यास घाटी के अलौकिक ॐ पर्वत और आदि कैलाश की यात्रा सुगम हो जाएगी और पर्यटन के नए केंद्र खुल जाएंगे। व्यास घाटी के गांवों में होम स्टे को खोले जाने के लिए सरकार अभी से मदद भी कर रही है।
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