अखिलेश यादव के बयान पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि ‘जिन्ना से सरदार पटेल की तुलना शर्मनाक है। अखिलेश यादव को जनता से माफी मांगनी चाहिए। विभाजनकारी मानसिकता जनता स्वीकार नहीं करेगी। सरदार वल्लभ भाई पटेल भारत की एकता और अखंडता के लिए समर्पित रहे। अब अखिलेश यादव की विभाजनकारी मानसिकता सामने आ गई। ये तालिबानी मानसिकता है। यह मानसिकता हर वक्त तोड़ने का प्रयास करती है। पहले जाति और अन्य वादों के नाम पर तोड़ने का प्रयास किया। जब उसमें सफल नहीं हो पाए तो महापुरुषों पर लांछन लगा कर पूरे समाज को अपमानित करने का प्रयास कर रहे हैं। इस अपमान को देश कभी स्वीकार नहीं कर सकता।’
राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने किया ट्वीट
उत्तर प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री मोहसिन रजा ने ट्वीट कर कहा, ‘अखिलेश यादव को जिन्ना के रिश्तेदारों से वोट की आस है। विभाजनकारी जिन्ना की विचारधारा, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और सरदार पटेल की विचारधारा है। ऐसा कह कर अखिलेश यादव ने देश के महापुरुषों का अपमान किया है। देश को यह समझ लेना चाहिए कि 'जिन्ना वाली आज़ादी' की मांग करने वाले हमारे देश में कौन-कौन जिन्नावादी हैं, जिन्हें जिन्ना के रिश्तेदारों से वोटों की आस है।’
करोड़ों राष्ट्रवादी लोगों का किया अपमान- सिद्धार्थ नाथ सिंह
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा है कि ‘सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिन्ना का नाम सरदार वल्लभ भाई पटेल के साथ लेकर करोड़ों राष्ट्रवादी लोगों का अपमान किया है। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय अगर सरदार पटेल की बात मान ली जाती तो कश्मीर की समस्या नहीं खड़ी होती। इस समस्या को अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ठीक कर रहे हैं। अखिलेश के ऐसे बयानों को लेकर आश्चर्य भी नहीं होना चाहिए, क्योंकि उनकी पार्टी की नीति तो हमेशा से तुष्टिकरण की रही है। अब जब प्रदेश विधान सभा के चुनाव नजदीक हैं, तब उन्हें जिन्ना का नाम तो लेना ही था।’
बीते रविवार को अखिलेश यादव की रथ यात्रा हरदोई जनपद में पहुंची थी। वहां एक जनसभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि सरदार पटेल, राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और जिन्ना एक ही संस्था में पढ़कर बैरिस्टर बन कर आए थे। एक ही जगह पर पढ़ाई लिखाई की। वह बैरिस्टर बने और उन्होंने आजादी दिलाई। अगर उन्हें किसी भी तरह का संघर्ष करना पड़ा होगा तो वह पीछे नहीं हटे। आज जो देश की बात कर रहे हैं। वो हमें और आपको धर्म के आधार पर बांटने का प्रयास कर रहे हैं।
जिन्नावादी सरकारों ने रामभक्तों पर चलवाई थी गोलियां- योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को फरीदाबाद के गांव ़प्याला स्थित प्याला कुटी आश्रम में महंत सोमनाथ महाराज की मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व की जिन्नावादी सरकारों ने रामभक्तों पर गोलियां चलाईं। अगर केंद्र में मोदी सरकार नहीं आती तो देश में अराजकता का मौहाल होता। उन्होंने अठारह के पूर्व महंत सोमनाथ महाराज को याद करते हुए कहा कि वह सहज, सरल और योगी थे। वह सिद्ध थे। हम सभी को ऐसे महापुरुषों का अनुसरण करना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि 2014 में अगर देश के लोगों ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री नहीं बनाया होता तो आज देश में अराजकता आ गई होती। कभी पाकिस्तान आंख दिखाता तो कभी चीन। तो कभी नक्सलवाद। जम्मू-कश्मीर में उग्रवादी अव्यवस्था फैला रहे थे। धर्म को पूरी तरह से नष्ट करने पर उतारू होते थे। प्रधानमंत्री ने एक-एक करके इन समस्याओं का समाधान निकाला।
भाजपा सरकार में आतंकवादियों पर चलती है गोली
उन्होंने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को समाप्त किया। 500 वर्षों से अयोध्या में चल रहे विवाद को भी समाप्त करवाकर वहां भगवान राम की स्थापना करवा दी। उन्होंने कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश में अगर भाजपा सरकार नहीं होती तो यह काम नहीं होता। पहले की सरकारें रामभक्तों पर गोली चलवाती थीं। यह वही जिन्नावादी लोग हैं, जो रामभक्तों पर गोली चलवाते रहे हैं। भाजपा सरकार में रामभक्त पर नहीं, बल्कि आतंकवादियों पर गोली चलती है। देशद्रोहियों पर गोलियां चलती हैं। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि वैक्सीन कोरोना का सुरक्षा कवच है। इसलिए हम सभी को यह लगवाना जरूरी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमत बहुत ज्यादा है, लेकिन प्रधानमंत्री ने देश के नागरिकों के लिए इसे निशुल्क करवाया हुआ है।
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