चीन के एजेंडे को बढ़ाने में जुटे सैकड़ों ऐसे खातों का पता चला है जो चीन में दूसरे देशों से पहुंचे डिब्बा बंद मांस को कोरोना वायरस के प्रसार का कारण बता रहे हैं
वेब डेस्क
चीन की हर शरारत के साथ खड़े रहने वाले और उसके एजेंडे को प्रसारित करने वाले सोशल मीडिया पर मौजूद सैकड़ों खातों की जांच से नया खुलासा हुआ है कि चीन अब कोरोना महामारी का दोष दूसरे देशों के मत्थे मढ़ने में जुटा है। एक सुप्रसिद्ध थिंक टैंक के एक शोधकर्ता ने चीन के इस नए पैंतरे की पोल खोली है।
ग्लोबल थिंक टैंक पॉलिसी रिसर्च ग्रुप के लिए लिखे अपने आलेख में शोधकर्ता मार्शल श्लीब्स का साफ कहना है कि चीन के एजेंडे को बढ़ाने में जुटे सैकड़ों ऐसे खाते पता चले हैं जो चीन में दूसरे देशों से पहुंचे डिब्बा बंद मांस को कोरोना वायरस के प्रसार का कारण बता रहे हैं।
ग्लोबल थिंक टैंक में श्लीब्स का आलेख कहता है कि उन्होंने गत 18 महीनों के दौरान चीन समर्थक ट्विटर खातों की सामग्री का अध्ययन करके पाया है कि मेन लाबस्टर से कोरोना फैलने की बात को कोलकाता स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास में काम कर रहे एक चीनी अधिकारी झा ल्यू ने आगे बढ़ाया था। ल्यू के नवंबर 2019 में इस झूठ को पोस्ट करने के फौरन बाद चीन का दुष्प्रचार तंत्र एजेंडे को बढ़ाने में जुट गया था।
उल्लेखनीय है कि गत करीब दो वर्ष से दुनिया की पूरी आबादी कोरोना महामारी से जूझ रही है। लेकिन हैरानी की बात है कि इसकी उत्पत्ति कहां से हुई इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं चल सका है। इसके पीछे भी दोष चीन के अक्खड़ रवैए को माना जा रहा है। लेकिन अब उसने नया पैंतरा अपनाते हुए चीनी मीडिया के माध्यम से यह झूठ फैलाना शुरू कर दिया है कि ब्राजील से आए गोमांस, सऊदी अरब से झींगे और मेन से निर्यात किए गए लॉबस्टर ही कोरोना वायरस फैलाने के दोषी हैं। चीन का यह झूठ उसके एजेंडे को फैलाने में जुटे सैकड़ों ट्वीटर खाते आगे बढ़ा रहे हैं। श्लीब्स ने ऐसे खातों का विस्तृत अध्ययन करके ही इस नए चीनी दुष्प्रचार का खुलासा किया है।
श्लीब्स की रिपोर्ट में लिखा है कि चीनी का ताजा दावा है कि मेन से आने वाले लॉबस्टर की वजह से कोरोना वायरस फैल रहा है। ग्लोबल थिंक टैंक में श्लीब्स का आलेख कहता है कि उन्होंने गत 18 महीनों के दौरान चीन समर्थक ट्विटर खातों की सामग्री का अध्ययन करके पाया है कि मेन लाबस्टर से कोरोना फैलने की बात को कोलकाता स्थित चीनी वाणिज्य दूतावास में काम कर रहे एक चीनी अधिकारी झा ल्यू ने आगे बढ़ाया था। ल्यू के नवंबर 2019 में इस झूठ को पोस्ट करने के फौरन बाद चीन का दुष्प्रचार तंत्र एजेंडे को बढ़ाने में जुट गया था।
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