उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी की राजनीति सभाएं शुरू हो गई हैं। पश्चिम उत्तर प्रदेश में करीब एक दर्जन जनसभाओं और बैठकों में ओवैसी अपने समर्थकों से फीडबैक ले रहे हैं। वह विधानसभा चुनावों में यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी की पश्चिम यूपी यात्रा के दौरान उनकी जनसभाओं में जिस तरह से भी मुस्लिम समुदाय खासतौर पर युवा उमड़ रहे हैं, उससे अन्य राजनीतिक दलों में बेचैनी भी बढ़ रही है। यूपी में सपा के नेता आजम खां के बाद कोई भी ऐसा मुस्लिम नेता नहीं है जो भीड़ जुटा लेता हो। ओवैसी की जनसभाएं भीड़ जुटा रही हैं। उन्होंने साफ कहा कि वह यूपी में एनपीआर के विरोध में प्रदर्शन की शुरुआत मुजफ्फरनगर से करने जा रहे हैं।
कांग्रेस, सपा, बसपा ने मुसलमानों का सिर्फ इस्तेमाल किया
मुजफ्फरनगर में एक जनसभा में ओवैसी ने कहा कि यूपी में सत्तर विधायक मुस्लिम हैं फिर भी एका नहीं है। सियासत में ताकतवर की बात सुनी जाती है। जिसकी लाठी होती है उसी की भैंस वाली कहावत राजनीति में चलती है। मुजफ्फरनगर दंगों का आरोपी विधायक विक्रम सैनी अदालत से सिर्फ इसलिए बरी हो गया क्योंकि यूपी के सत्तर मुस्लिम विधायको ने मिलकर कोर्ट में लड़ाई नहीं लड़ी। अभी भी वक्त है इन सबको मिलकर अपर कोर्ट में अपील करनी चाहिए। यूपी में 43 फीसदी मुस्लिम आबादी है, लेकिन कभी एक नहीं हुई यदि ये एक होती तो यूपी में मुसलमानों का राज होता। कांग्रेस, सपा, बसपा ने मुसलमानों को सिर्फ इस्तेमाल किया है। मुस्लिम एक होकर ताकत बने तभी सियासत मिलेगी। ओवैसी ने कहा कि हमारी पार्टी यूपी की सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी और हम सत्ता में आए तो एनपीआर लागू करेंगे। मुसलमानों को अच्छी तालीम देंगे उनके वाजिब हक उन्हें मिलेंगे। रुड़की में पिरान कलियर दरगाह में चादर चढ़ाने के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि पाकिस्तान की औकात नहीं जो हमारे मुल्क से बराबरी भी कर सके। उसकी मलेरिया की दवा खरीदने की हैसियत तक नहीं है। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी उत्तराखंड के मैदानी इलाकों में 27 से 30 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। सियासत में मुस्लिमों की भागीदारी को बीजेपी ने अनदेखा ही किया है।
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