बाद पुलिस प्रशासन की नींद खुली।
मेरठ के सोतीगंज कबाड़ी बाजार में कबाड़ के धंधे में लिप्त लोगों ने दस अरब से भी ज्यादा की संपत्ति खड़ी की हुई है। आयकर और जीएसटी विभाग के अधिकारी इन संपत्तियों का विवरण जुटा चुके हैं। इन विभागों को करीब डेढ़ सौ कबाड़ियों की तलाश है, जोकि पुलिस के डर से फरार हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक दिल्ली-एनसीआर से रोजाना जितने भी वाहन चोरी होते हैं, वे मेरठ के सोतीगंज कबाड़ी बाजार में आकर बिकते और काटे जाते हैं। पिछले पंद्रह सालों में यहां ये धंधा पुलिस की मिलीभगत से खूब पनपा। योगी सरकार ने शिकायत मिलने पर पिछले तीन महीने से यहां के कबाड़ियों का इतिहास भूगोल खंगालने का काम शुरू कराया।
गल्ला के पास 12 करोड़ की संपत्ति
पुलिस-प्रशासन ने अपने अभियान में आयकर, जीएसटी विभाग, प्राधिकरण को साथ लिया और गैंगस्टर जैसी कठोर धाराओं में वाहन चोर कबाड़ियों को घेरने का काम किया। पुलिस की गिरफ्त में आए अकेले हाजी नईम गल्ला कबाड़ी के पास से 12 करोड़ की संपत्ति का विवरण मिला है। पुलिस ने डेढ़ सौ से अधिक कबाड़ियों को चिन्हित करके वित्तीय एजेंसियों से जांच करवाई तो करीब दस अरब की बेनामी संपत्ति के मामले सामने आए। पुलिस को सोतीगंज के कबाड़ी हाजी इकबाल, मन्नू, जीशान, काला सहित 165 लोगों की तलाश है। इनके आगे करीब दो हजार लोगों को भी पुलिस ने अपने निशाने पर लिया हुआ है, जोकि वाहन चोरी करके लाते हैं और इन्हें बेच कर जाते हैं।
हर पहलू की कर रहे जांच
मेरठ के एसपी सिटी विनीत भटनागर कहते हैं कि पिछले डेढ़ दशकों में ये चोरी का धंधा, कबाड़ बाजार में पनपा। इसमें कोई दो राय नहीं कि पुलिस के कुछ लोगों के संरक्षण के बिना ऐसा हुआ नहीं होगा। हम हर पहलू की जांच कर रहे हैं, कोई भी बख्शा नहीं। सोतीगंज कबाड़ बाजार से चोरी का धंधा खत्म करके ही रहेंगे।
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