पश्चिम यूपी डेस्क
मुजफ्फरनगर में 2013 में साम्प्रदायिक तनाव ने दंगों का रूप ले लिया था। उस समय दिलशाद नाम के युवक ने हिन्दू संगठनों के 20 लोगों को आरोपी बनाते हुए एफआईआर दर्ज करवाई थी। कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई। एडीजे की अदालत ने साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर दिया।
जानकारी के मुताबिक दिलशाद के भाई अबू हसन की 2013 के दंगों में मौत हो गई थी। दिलशाद ने इस मामले में हिन्दू संगठनों के 20 लोगों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। अदालत में मामले की सुनवाई चलती रही। एडीजे श्री कमलापति की कोर्ट में सभी पक्षों के सुनने के बाद सबूतों में कमी के चलते अजय कुमार, विकास सिंह, राहुल कुमार, सचिन सहित 20 लोगों को बरी कर दिया गया।
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