उत्तराखंड में 18 और 19 अक्टूबर को हुई भारी बारिश का कुमाऊं मंडल में ज्यादा असर पड़ा है। नैनीताल जिले में मलबे में 6 और शव मिले हैं। राहत और बचाव के काम मे आपदा के चौथे दिन भी सेना, आपदा प्रबंधन की टीम और पुलिस के करीब 6 हजार जवान लगे रहे। नैनीताल जिले में रामगढ़ ब्लॉक में उमागढ़ क्षेत्र में 15 वाहन दबे हुए हैं। यहां मलबे में से 6 शव और बरामद हुए हैं, 22 पशु भी दब गए हैं। अभी भी इसी ब्लॉक के 6 लोग लापता हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
बागेश्वर जिले में सुंदरढूंगा ट्रैक पर 6 ट्रैकर्स में से 5 की मौत हो गई है। इनके शव बर्फ में दबे मिले हैं। पिंडारी ट्रैक पर गए देश और विदेश के 42 पर्यटकों को सेना के हेलीकॉप्टर से खरकिया लाया गया है। अभी कफनी ग्लेशियर के रूट पर रहने वाले 20 ग्रामीणों का भी पता नहीं है। उत्तरकाशी के हर्षिल से हिमाचल के छितकुल ट्रैकिंग पर 17 लोग गए थे, जिनमें से एक महिला ट्रैकर सहित 5 लोगों की मौत हो गई है। एक व्यक्ति बीमार अवस्था में मिला। इन सभी को हेलीकॉप्टर से एसडीआरएफ कैम्प में लाया गया है। दल के 11 सदस्यों की खोज की जा रही है।
आपदा के चौथे दिन भी सेना, आइटीबीपी, एसएसबी, पीएसी, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के करीब छह हजार जवान राहत बचाव के कार्य मे लगे हैं।हालात कई स्थानों पर सामान्य हो रहे हैं, जबकि अभी भी 78 सड़कें बंद हैं, जिन्हें खोले जाने के लिए युद्धस्तर पर काम हो रहा है। आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सेना ने कैम्प लगा कर मदद पहुंचाई है। वायुसेना और राज्य सरकार के अनुबंधित हेलीकॉप्टर से घायलों को हल्द्वानी और देहरादून के अस्पतालों में पहुंचाया जा रहा है।
आपदा पर मुख्यमंत्री धामी की बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शासन की उच्चस्तरीय बैठक में आपदा से हुए नुकसान की आंकलन रिपोर्ट एक हफ्ते में देने को कहा है। धामी ने सभी जिलों के प्रभारी मंत्रियों को अपने-अपने जिलो में सक्रिय होकर आपदा मद में खर्च होने वाले बजट की तुरंत स्वीकृति देने का अनुरोध किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा से कम से कम 6 हजार करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
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