10 लाख बच्चों की मौत का खतरा, अगर अफगानिस्तान में कुपोषण पर फौरन नहीं उठाए गए कदम
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10 लाख बच्चों की मौत का खतरा, अगर अफगानिस्तान में कुपोषण पर फौरन नहीं उठाए गए कदम

by WEB DESK
Oct 11, 2021, 03:51 pm IST
in भारत, दिल्ली
अफगानिस्तान में बच्चे तेजी से हो रहे हैं कुपोषण के शिकार (फाइल चित्र)

अफगानिस्तान में बच्चे तेजी से हो रहे हैं कुपोषण के शिकार (फाइल चित्र)

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यूनीसेफ के उच्च अधिकारी के हवाले से प्रकाशित मीडिया रपट के अनुसार, अफगानिस्तान में फौरन कुपोषण से बचने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता है


यूनीसेफ की एक रपट हैरान करने वाली है कि अफगानिस्तान में एक अंदाजे के अनुसार, 2021 में दस लाख बच्चे कुपोषण का शिकार हुए हैं। अगर फौरन आवश्यक कदम नहीं उठाए गए तो करीब दस लाख बच्चे गंभीर कुपोषण के शिकार होने से मर सकते हैं। अफगानिस्तान के दौेरे से लौटते हुए यूनिसेफ के एक उच्च अधिकारी का यह बयान चिंताजनक है।

यूनीसेफ के उच्च अधिकारी के हवाले से प्रकाशित मीडिया रपट के अनुसार, अफगानिस्तान में फौरन कुपोषण से बचने के लिए कार्रवाई की आवश्यकता है। ऐसा न हुआ तो दस लाख बच्चे के गंभीर कुपोषण का शिकार हो जाएंगे। इससे हालत इतनी खराब हो सकती है कि उनकी मौत की संभावना है।

एरियाना न्यूज के अनुसार, यूनिसेफ के उप कार्यकारी निदेशक उमर आब्दी गत सप्ताह अफगानिस्तान आए थे। कइ्र जगहों का दौरा करने के बाद आब्दी ने होशियार करते हुए कहा है कि अगर कुपोषण रोकने के लिए फौरन कोई कदम नहीं उठाए जाते तो दस लाख अफगानी बच्चे इस हालत में पहंुच जाएंगे कि उनका बचना मुश्किल हो सकता है। यूनिसेफ ने एक बयान जारी करके बताया है कि बच्चों में खसरे तथा दस्त के बढ़ते मामलों ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। बच्चों की जान पर खतरा मंडरा रहा है।

काबुल स्थित इंदिरा गांधी बाल अस्पताल में आब्दी ने कुपोषण से जबरदस्त तौर पर पीड़ित अनेक बच्चों को देखने गए। ये बच्चे जानलेवा बीमारी से लड़ रहे हैं। अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता के कई बड़े नेताओं से मुलाकात में उन्होंने सेहत की देखभाल, टीकाकरण, खानपान, पानी तथा साफ सफाई के साथ ही बाल संरक्षण सेवाओं तक बच्चों की पहुंच होने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बच्चों में पोलियो, खसरे और कोविड के टीकाकरण को दुबारा सुचारु करने की जरूरत बताई। आब्दी कहते हैं कि बच्चों तथा समुदायों को टीके व बीमारियों से बचाने की बेहद आवश्यकता है।

अफगानिस्तान में तालिबान सत्ता के कई बड़े नेताओं से मुलाकात में उन्होंने सेहत की देखभाल, टीकाकरण, खानपान, पानी तथा साफ सफाई के साथ ही बाल संरक्षण सेवाओं तक बच्चों की पहुंच होने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने बच्चों में पोलियो, खसरे और कोविड के टीकाकरण को दुबारा सुचारु करने की जरूरत बताई।

उल्लेखनीय है कि विश्व में आज सिर्फ दो ही देश हैं जहां पोलियो की बीमारी आज भी कायम है, और ये देश हैं पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान। यूनिसेफ के बयान के अनुसार, आब्दी ने कोविड से बचने के लिए टीकाकरण को और तेज करने की बात की है। उन्होंने वहां पोलियो केन्द्रों में लोगों से मुलाकात की। आब्दी ने शिक्षा की जरूरत पर भी जोर देते हुए कहा कि सभी छात्र-छात्राओं को शिक्षा देना देश के आने वाले कल को बेहतर बनाया।

आब्दी ने वहां यह भी साफ कहा कि यूनिसेफ अफगानिस्तान में हर लड़की-लड़के-औरत के हकों के लिए दबाव बनाए रखेगा। आब्दी के अफगानिस्तान के इस दौरे में यूनिसेफ के क्षेत्र के निदेशक जॉर्ज लारिया अद्जेई तथा यूनिसेफ, अफगानिस्तान के प्रतिनिधि हर्वे लुडोविक भी उनके साथ रहे।

 

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