इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रयागराज स्थित शहीद चंद्रशेखर पार्क में बनी अवैध मस्जिद और मजारों को तोड़ा गया। न्यायालय ने प्रशासन से कहा कि इस संबंध में शपथपत्र दाखिल करें। इस पर 21 अक्तूबर को सुनवाई होगी।
सात अक्तूबर की रात को प्रयागराज स्थित शहीद चंद्रशेखर पार्क में अवैध रूप से बनी मस्जिद और मजारों को प्रशासन ने तोड़ दिया। इसके बाद आज यानी आठ अक्तूबर को प्रयागराज प्रशासन ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय को इसकी जानकारी देते हुए बताया कि पार्क में बने सारे अवैध निर्माणों को तोड़ दिया गया है। प्रशासन ने यह भी बताया कि एक मजार को इसलिए छोड़ा गया है कि वह 1975 से पहले की है। इस पर न्यायालय ने प्रशासन से कहा कि आप एक शपथपत्र दाखिल करें। इसके बाद यदि पार्क में कोई अवैध निर्माण पाया गया तो प्रयागराज प्रशासन के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। साथ ही यह भी कहा कि प्रशासन मजार से संबंधित कागजात न्यायालय में प्रस्तुत करे, जिसमें यह साबित होता हो कि मजार 1975 से पहले की है।
उल्लेखनीय है कि 5 अक्तूबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति मुनीश्वर नाथ भंडारी और न्यायमूर्ति पीयूष अग्रवाल ने पार्क में बने सभी अवैध निर्माणों को दो दिन के अंदर तोड़ने का आदेश दिया था। साथ ही यह भी कहा था कि इसकी रिपोर्ट 8 अक्तूबर को न्यायालय में रखी जाए।
इस आदेश के बाद प्रयागराज प्रशासन पार्क से अवैध निर्माणों को तोड़ने के लिए सक्रिय हो गया था, लेकिन हजारों मुसलमानों के विरोध के कारण यह कार्य कई घंटे तक नहीं हो पाया। इसके बाद सात अक्तूबर की देर रात को भारी पुलिस बल के साथ प्रशासन ने पार्क से अवैध निर्माणों को हटा दिया।
बता दें कि पार्क पर हुए कब्जे को लेकर एक याचिका इलाहाबाद उच्च न्यायालय में दाखिल की गई थी। इसके बाद एक जुलाई को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पार्क से अवैध मजार, मस्जिद और कब्रों को हटाने की याचिका पर नोटिस जारी किया था। याचिका में आरोप लगाया गया था कि इस पार्क में पिछले 10—15 साल के अंदर मस्जिद का एक ढांचा खड़ा कर दिया गया और एक मजार बना दी गई है। यही नहीं, पार्क में मुसलमान शवों को भी दफना रहे हैं। न्यायालय ने इसे गंभीर मामला माना था। न्यायालय के इस रुख के कारण ही आज पार्क कब्जा—मुक्त हो पाया है।
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