“मान्यवर” ने की बुद्धिदान
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत

“मान्यवर” ने की बुद्धिदान

by WEB DESK
Sep 22, 2021, 12:38 pm IST
in भारत, धर्म-संस्कृति, दिल्ली
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

 


दान का अर्थ न ही डोनेट होता है और न ही चैरिटी, जैसा वोक लिबरल मानते हैं या समझते हैं। दान का हिन्दू धर्म में महत्व है तथा यह दयावश किसी अपात्र या कुपात्र को नहीं दिया जाता है।


मान्यवर ब्रांड का “कन्यामान” वाला विज्ञापन इस समय चर्चा में है। और हो भी क्यों न ? हर प्रकार का तड़का उसमें लगा हुआ है! हिन्दुओं के विरुद्ध है तो इस्लामी, वामपंथी और कथित सुधारवादी उसकी वाहवाही करने में जुटे हैं। हिन्दू धर्म की मान्यताओं पर प्रहार करना इस सृष्टि का सबसे सरल कार्य है, जिसका पालन समय समय पर एड एजेंसी से लेकर अभिनेता, लेखक और लेखिकाएं करते रहते हैं। कन्यादान नहीं करेंगे, कन्यामान!
 
परन्तु क्या दान की परिभाषा भी इन एड एजेंसी वालों को पता है ? क्या ज्ञात है कि दान वस्तुत: मान ही है! दान क्यों और कब दिया जाता है ? क्या इसका भान है, एड एजेंसी वालों को ? संभवत: नहीं ? एवं यह हो भी नहीं पाएगा क्योंकि बार—बार हमारी फिल्मों, साहित्य एवं धारावाहिकों में कन्या को एक वस्तु के रूप में ही परिवर्तित करके दिखाया गया है।

 आधुनिक वामपंथियों ने कन्या को वस्तु के रूप में मान्यता प्रदान कर दी है। तभी उसका कोई भी विरोध अश्लील विज्ञापनों पर और उसमें जिस प्रकार से लड़की को उपयोग की वस्तु के रूप में दिखाया जाता है, के विरुद्ध नहीं होता। अंडरगारमेंट के विज्ञापनों में साड़ी पहनी लड़की को अश्लील तरीके से दिखाया जाता है, विरोध नहीं होता! एक बार भी यह लोग प्रश्न नहीं करती हैं कि आखिर पुरुषों के अंत: वस्त्र विज्ञापन में हिन्दू लड़की का अश्लील प्रस्तुतीकरण कहां से फेमिनिज्म है ?
 
विषयांतर न हो, इसलिए हम पुन: “मान्यवर” के नए विज्ञापन पर आ जाते हैं। सबसे पहले तो “मान्यवर” जो हिन्दू धर्म में समाजसुधार का अनुबंध लेकर चल रहे हैं, उनका परिचय देखने पर कुछ अजीब प्रतीत होता है। वह अपने विज्ञापन में कन्या को वर के समान दिखाना चाहते हैं, अर्थात “समाजवाद’ या साम्यवाद लाना चाहते हैं। परन्तु जब उनकी वेबसाइट पर दृष्टि डालते हैं तो यह पता चलता है कि मान्यवर ने अपने ब्रांड को आगे बढ़ाने के लिए फ़िल्मी कलाकारों का सहारा लिया। एवं अनुष्का तथा विराट के विवाह को अपने ब्रांड के साथ भुनाया!

क्या, इन्होंने इन फ़िल्मी कलाकारों, जिनके कारण उनका व्यापार आगे बढ़ा, उनके विवाह में समाजसुधार करने का समय था ? क्या “मान्यवर” ने ऐसा किया था ? संभवत: नहीं!
 
और यदि रवि मोदी को समाजसुधार का इतना ही शौक है तो वह सबसे पहले अपने ब्रांड के लहंगे उस मूल्य पर उपलब्ध कराएं, जिस मूल्य पर भारत का आम इंसान उन्हें खरीद सके ?  हालांकि कहने के लिए कुछ लहंगे उस वेबसाईट पर कम मूल्य के हैं, परन्तु वह देखने में अनाकर्षक हैं। हिन्दू धर्म के अनुष्ठानों में कमियाँ देखने वाला मान्यवर अपने नाम में ही “वर” का उच्चारण कर रहा है, यदि उसे वास्तव में ही कथित रूप से महिलाओं का सम्मान करना है तो वह “मान्यकन्या” क्यों नहीं कर लेते ? क्या चैरिटी घर से ही आरम्भ नहीं होती ?

कुपढ़ता और अज्ञानता है जड़ में!

चैरिटी से अब सारा खेल आरंभ होता है। दरअसल, भारत का एक बड़ा वर्ग है, जो स्वयं को वोक, साम्यवादी या समाजवादी कह सकता है। वह पश्चिम के वामपंथ एवं अंग्रेजी डिक्शनरी द्वारा ही संचालित होता है। वहां पर दान शब्द का अर्थ अलग है! या कहा जाए कि दान की पूरी की पूरी अवधारणा ही भिन्न है। दान का अर्थ न ही डोनेट होता है और न ही चैरिटी, जैसा वोक लिबरल मानते हैं या समझते हैं। दान का हिन्दू धर्म में महत्व है तथा यह दयावश किसी अपात्र या कुपात्र को नहीं दिया जाता है।

जैसा चैरिटी या डोनेट में होता है। जैसे ही दान की अवधारणा सिमट कर डोनेट हुई और कन्या की अवधारणा वामपंथी फेमिनिज्म के चलते मात्र हाड़ मांस का एक लोथड़ा हो गयी, वैसे ही कन्यादान भी इनकी समझ से बाहर हो गया। कविताएं होने लगीं कि कन्या कोई वस्तु नहीं है जिसे दान किया जाए ?

लड़की वस्तु है, यह अवधारणा आई कहाँ से ?

यह बात सत्य है कि कन्या कोई वस्तु नहीं है, जिसे दान किया जाए। तो पहली बात कन्या को वस्तु बनाया किसने ? हिन्दू धर्म में तो स्त्री का स्थान देवी है। फिर वह कौन सी अवधारणा थी, जिसने लड़की को वस्तु या चीज़ बना दिया ?

क्या यह वही अवधारणा थी, जो यह मानती है कि औरतें तो मर्दों की खेती हैं या फिर वह अवधारणा जिसमें यह लिखा है कि औरत का निर्माण मर्द की पसली से हुआ ? जब वह हिन्दू धर्म के भावों में रची कविताएं थीं, या कहा जाए कि हिन्दू लोक की कविताएँ थीं, तब तक कन्या सदा कन्या ही थी, जिसका मान था, जो स्वतंत्र थी, और इतनी स्वतंत्र कि अक्क महादेवी की भांति निर्विघ्न विचरण करती थी एवं वह भी निर्वस्त्र!

फिर ऐसा क्या हुआ कि लड़की चीज़ बन गयी ? रवि मोदी ने कन्यामान कहकर हिन्दुओं को अपमानित तो कर दिया, परन्तु वह इस बात को नहीं समझा पाए कि दान होता क्या है ?

आधिकारिक रूप से हिन्दुओं के पवित्र अनुष्ठानों को कोसा जाना एक चलन बन गया है। चाहें रवि मोदी हों या फिर श्रेयांस इन्नोवेशन वाले। यह सभी हिन्दू अनुष्ठानों को समझ नहीं पाते हैं। दरअसल इस समझ के पीछे योगदान वामपंथी शिक्षा का है, जिसने बचपन से ही यह भाव भर दिया कि कन्यादान बुरा है।
 

वैसे इन एड एजेंसियों और ब्रांड निर्माताओं से यह प्रश्न किया जाना चाहिए कि धार्मिक मामलों की बुराई का प्रयोग अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए करने का उन्हें अधिकार किसने दिया ? क्या विज्ञापन बनाने से पहले किसी हिन्दू धर्म के ज्ञाता से संपर्क किया ?  क्या किसी धर्मशास्त्र का अध्ययन किया ? इसमें से एक सवाल का जवाब भी इनके पास नहीं होगा। गौर करने वाली बात यह है कि यह कंपनियां हिन्दुओं को ही अपना सामान बेचती हैं और उन्हीं की परंपरा, संस्कृति का मजाक उड़ाती हैं। ऐसे में भारतीय समाज को इन ब्रांडों पर गौर करना चाहिए और प्रतिक्रिया करके उन्हें जवाब देना चाहिए।

Follow us on:
 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies