राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू यादव के बेटे और बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव और उनकी बड़ी बहन मीसा भारती पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का आदेश। इनके साथ ही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा, प्रवक्ता राजेश राठौर और शुभानंद मुकेश पर भी मुकदमा।
पटना के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी (सीजेएम) विजय किशोर सिंह के एक आदेश ने बिहार के राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है। उल्लेखनीय है कि विजय किशोर सिंह ने बिहार विधानसभा में विपक्ष के नेता नेता तेजस्वी यादव, उनकी बहन मीसा भारती, बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा, कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता राजेश राठौर और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे स्व. सदानंद सिंह के पुत्र शुभानंद मुकेश के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है।
कांग्रेसी नेता और वकील संजीव कुमार सिंह ने आरोप लगाया है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भागलपुर से चुनाव लड़वाने का आश्वासन देकर इन लोगों ने पांच करोड़ रु. लिए थे, लेकिन ऐसा नहीं किया। इसलिए संजीव ने पटना के सीजेएम की अदालत में गत 18 अगस्त को एक वाद दायर किया था। इसमें उन्होंने बताया है कि इन लोगों ने भागलपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ने के लिए टिकट देने के बदले में 15 जनवरी, 2019 को पांच करोड़ रुपये लिए लेकिन टिकट नहीं दिया। यह भी बताया है कि जब लोकसभा का टिकट नहीं मिला तो विधानसभा का टिकट देने का आश्वासन दिया गया, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। उन्होंने लिखा है कि जब इस मामले में तेजस्वी से संपर्क किया तो उन्होंने जान से मारने की धमकी दी।
उनके इस मामले की सुनवाई 31 अगस्त को हुई थी और आदेश को सुरक्षित रख लिया गया था। इसके बाद 16 सितंबर को पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) के माध्यम से कोतवाली के थानाध्यक्ष को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया।
इसके बाद से इन नेताओं पर जनता से लेकर नेता तक तीखी टिप्पणी कर रहे हैं। सोशल मीडिया में एक व्यक्ति ने लिखा है, ''ये सब अपने बड़ों के पदचिन्हों पर चल रहे हैं… ''
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