भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बांके बिहारी जी से कोरोना रूपी राक्षस का संहार करने की प्रार्थना की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सांस्कृतिक धरोहरों को पुनर्जीवित किया गया. इससे ऐसा बदलाव आया है कि मंदिर जाने में संकोच करने वाले भी अब कहने लगे हैं, श्रीराम हमारे भी हैं, श्रीकृष्ण हमारे भी हैं.
रामलीला मैदान में आयोजित समारोह में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज बधाई देने के लिए होड़ लगी है. पहले आपके पर्व-त्योहारों में बधाई देने के लिए न तो कोई मुख्यमंत्री आता था और न ही कोई मंत्री. लोग डरते थे कि उन्हें साम्प्रदायिक न मान लिया जाए. पर्व-त्योहारों में बंदिशे लगती थीं. अलर्ट जारी होता था कि रात 12 बजे बाद कोई भी कार्यक्रम नहीं करेंगे. अब तो ऐसी कोई बंदिश नहीं है, भगवान श्रीकृष्ण का जन्म ही रात में 12 बजे होता है. अब तो हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाया जाता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को नई दिशा दी है. सैकड़ों वर्षों से दबी भावनाएं और आस्था के केंद्र नए रूप में सामने आ रहे हैं. आज़ादी के बाद पहली बार किसी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए. इससे पहले की सरकारों में भय था कि साम्प्रदायिकता का आरोप न लग जाए लेकिन अब नया भारत अंगड़ाई ले रहा है. जो लोग पहले मंदिर जाने में संकोच करते थे उन लोगों में प्रभु श्रीराम और श्रीकृष्ण को अपना बताने में होड़ सी लग गई है. यह है बदलते दौर का नया भारत.
उन्होंने कहा कि पांच हजार वर्ष पुराने ब्रज जैसी धरोहर पर हम सभी को गौरव की अनुभूति होनी चाहिए. पूज्य संतों के आशीर्वाद से हम ब्रजपुरी में भौतिक विकास के साथ आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विकास पर भी पूरा ध्यान दे रहे हैं. इसी निमित्त संतों के नेतृत्व में ब्रज तीर्थ विकास परिषद का गठन किया गया. बांके बिहारी जी की कृपा ही थी कि वैष्णव कुंभ में कोरोना किसी का बाल भी बांका न कर सका. कोरोना ने पिछले डेढ़ साल में देश-दुनिया मे काफी कोहराम मचाया. अपना देश-प्रदेश भी प्रभावित हुआ. प्रदेश में इसकी दूसरी लहर पूरी तरह नियंत्रण में है लेकिन सावधानी और सतर्कता जरूरी है. अब बांके बिहारी जी से प्रार्थना है कि जैसे उन्होंने कई राक्षसों का संहार किया, उसी तरह इस कोरोना महामारी रूपी राक्षस का संहार करें.
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