जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद आतंकियों ने एक और हमले की साजिश रची थी। सुरक्षा एजेंसी ने एक आरोपी से पूछताछ के आधार पर यह खुलासा किया है।
जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर हुए ड्रोन हमले के बाद आतंकियों ने एक और हमले की साजिश रची थी। सुरक्षा एजेंसी ने एक आरोपी से पूछताछ के आधार पर यह खुलासा किया है। एजेंसी ने बताया कि हमले के बाद बठिंडी से आईईडी के साथ पकड़े गए आतंकी नदीम ने इसकी साजिश रची थी। खबरों के अनुसार रात को ड्रोन हमला होने के बाद दिन में शहर में आईईडी से विस्फोट किया जाना था। खुफिया सूत्रों का कहना है कि 27 जून को एयरफोर्स स्टेशन के बाद एक और हमला होना था, लेकिन इसे नाकाम कर दिया गया। हमले के बाद खुफिया एजेंसियों ने पाकिस्तानी हैंडलरों की बातचीत को इंटरसेप्ट किया था। इसमें हैंडलरों को यह कहते हुए सुना गया कि एक हमला तो कामयाब हो गया है, दूसरा कोई बात नहीं बाद में देख लेंगे।
बता दें कि जिस दिन एयरफोर्स स्टेशन पर हमला हुआ था, उसी रात बठिंडी से रामबन के रहने वाले नदीम उल हक को पुलिस ने साढ़े पांच किलो आईईडी के साथ पकड़ा था। यह आईईडी पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजी गई थी। इसे नदीम ने बठिंडी से लिया था। जानकारी के मुताबिक बठिंडी में एक शख्स ने आईईडी रख दी थी। इसके बाद नदीम को फोन पर एक वीडियो आया कि आईईडी बठिंडी में रखा है। साथ ही आतंकियों ने उससे कहा कि आईईडी को 27 जून को दोपहर में शहर में किसी मंदिर के बाहर लगाकर हमला करना है। हालांकि आतंकियों की नापाक साजिश पूरी होने से पहले ही सुरक्षाबलों ने नदीम को गिरफ्तार कर लिया था।
वहीं पूछताछ के बाद नदीम के साथ दो आतंकी और पकड़े गए थे। ये दोनों शोपियां और बनिहाल के रहने वाले थे। सूत्रों का कहना है कि एयरफोर्स स्टेशन पर हमले के दिन पाकिस्तान में एक ही जगह से दो ड्रोन उड़े थे। हालांकि अब तक ड्रोन का रूट पता नहीं चल पाया है।
गौरतलब है कि जम्मू एयरफोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया के पास 26 जून की रात 5 मिनट के अंतराल पर दो ब्लास्ट हुए थे। पहला ब्लास्ट परिसर की बिल्डिंग की छत पर और दूसरा नीचे हुआ था। भारतीय वायु सेना ने बताया था कि जम्मू एयर फ़ोर्स स्टेशन के टेक्निकल एरिया में कम तीव्रता के दो धमाके हुए थे। एक धमाके के कारण इमारत की छत को नुक़सान पहुंचा वहीं दूसरा धमाका खुले में हुआ था। बता दें कि जम्मू एयरपोर्ट की हवाई पट्टी और एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल भारतीय वायु सेना के नियंत्रण में है, जिसे आम यात्रियों की उड़ान के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है।
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