छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव
कांग्रेस में अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रहा है। पंजाब, राजस्थान, त्रिपुरा में पार्टी का अंतर्कलह अभी थमा भी नहीं है कि अब छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस के बीच तनातनी चरम पर है। यहां मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव आमने-सामने हैं। इन दोनों के बीच कई मुद्दों पर टकराव हैं। दोनों मंगलवार को राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते हैं।
दरअसल, बघेल और सिंह देव के बीच विधानसभा चुनाव के बाद से ही तनातनी चली आ रही है। विधानसभा चुनाव में जीत के बाद पार्टी में मुख्यमंत्री पद के कई दावेदार थे, जिनमें टीएस सिंह देव भी थे। लेकिन भूपेश बघेल ने उनका विरोध किया था। काफी जद्दोजहद के बाद कांग्रेस ने बघेल को मुख्यमंत्री बना दिया। उस समय यह कहा गया था कि दोनों नेताओं को खुश रखने के लिए पार्टी ने एक फार्मूला निकाला था, जिसके तहत दोनों को ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाना था। यानी ढाई साल तक भूपेश बघेल मुख्यमंत्री रहेंगे, फिर अगले ढाई साल के लिए सिंह देव को मुख्यमंत्री की कुर्सी दी जाएगी। इसे लेकर बीते कुछ माह से सिंह देव को सत्ता हस्तांतरण के कयास लगाए जा रहे हैं। बता दें कि असंतुष्ट सिंह देव को त्रिपुरा कांग्रेस में अंतर्कलह को सुलझाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। कांग्रेस नेता पार्टी छोड़कर तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो रहे हो रहे थे।
शुरू से ही नाराज सिंह देव
सिंह देव शुरू से ही रह-रह कर अपनी नाराजगी जताते आए हैं। पिछले महीने ही विधानसभा सत्र में हंगामे के बीच सदन में सिंह देव बोले कि अब बहुत हो गया। आप सभी सदस्यगण मेरे चरित्र के बारे में सब जानते हैं, लेकिन कुछ ऐसे पहलुओं को बताने की कोशिश की गई, जिसे लोग नहीं जानते हैं। इसके बाद वे नाराज होकर विधानसभा से निकल गए। दरअसल, रामानुजगंज सीट से कांग्रेस विधायक बृहस्पति सिंह के काफिले पर हमला हुआ था, जिसके लिए उन्होंने सिंह देव को जिम्मेदार ठहराया था। साथ ही उन्होंने कहा था कि सिंहदेव महाराजा हैं, वे कुछ भी कर सकते हैं, मेरी हत्या भी करा सकते हैं। विधायक का कहना था कि उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की तारीफ की थी, जो सिंह देव को पसंद नहीं आई। इसलिए उनके काफिले पर हमला कराया गया। सिंह देव ने तो यहां तक कह दिया था कि जब तक सरकार इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण नहीं देगी, तब तक वे विधानसभा सत्र में हिस्सा नहीं लेंगे। हालांकि आरोप लगाने के बाद उन्होंने विधानसभा में सिंह देव से माफी भी मांगी थी। राज्य के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा था कि बृहस्पति सिंह के काफिले में एक वाहन के साथ हुई घटना का सिंह देव के साथ कोई संबंध नहीं है। उन पर लगाए गए आरोप झूठे और बेबुनियाद हैं।
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