उत्तर प्रदेश में संस्कृत विद्यालयों को डिजिटल बनाने के लिए इंटरनेट और कंप्यूटर उपलब्ध कराए गए हैं . आमजन तक संस्कृत की पहुंच बढ़ाने के लिए ऑनलाइन संस्कृत कक्षाएं शुरू की गई हैं. संस्कृत का दायरा बढ़ाने के लिए सरकार ने अनुपूरक बजट में भी प्रस्ताव रखा है.
बुधवार को प्रस्तुत किए गए अनुपूरक बजट में संस्कृत संस्थान के बहुउद्देश्यीय भवन निर्माण के लिए बड़ा बजट प्रस्तावित किया गया है. यूपी संस्कृत संस्थान में बहुउद्देश्यीय हॉल के निर्माण के बाद सभी आयोजन वहीं पर हो सकेंगे. संस्थान को बाहर किराए की जगह नहीं लेना पड़ेगा.
अभी तक संस्कृत संस्थान छोटे से भवन में संचालित हो रहा है. बहुउद्देशीय हाल बनने के बाद सभी कार्यक्रमों का आयोजन वहां पर हो सकेगा. अभी तक संस्कृत पर होने वाली संगोष्ठियों, संस्कृत कक्षाएं व बाहर से आने वाले विद्वानों को ठहरने के लिए बाहर व्यवस्था करना पड़ता है.
यूपी संस्कृत संस्थान की ओर से संस्कृत में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 50 पंडितों को हर साल सम्मानित किया जाता है. पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण के चलते संस्कृत पंडितों को सम्मानित नहीं किया जा सका था. इस वर्ष यूपी संस्कृत संस्थान की ओर से संस्कृत पंडितों को सम्मानित किया जाएगा. सरकार की ओर से प्रस्तावित अनुपूरक बजट में पंडितों को सम्मानित करने की धनराशि भी प्रस्तावित की गई है.
उल्लेखनीय है कि संस्कृत संस्थान की ओर से शुरू की गई ऑनलाइन कक्षाओं में 8 हजार से अधिक लोगों ने संस्कृत सीखने के लिए पंजीकरण कराया है. इसमें दूसरे राज्यों के युवा भी शामिल हैं
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