क्या नागरिकता कानून यानी सीएए में कोई संशोधन किया जाएगा, इसे लेकर केंद्र सरकार ने फिर से साफ किया है कि सीएए में किसी तरह के संशोधन का प्रस्ताव नहीं है
केंद्र सरकार ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के तहत पात्र लाभार्थी नियमों को अधिसूचित किए जाने के बाद ही नागरिकता हासिल करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
केंद्र सरकार ने बुधवार को कहा कि अन्य अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) नागरिकता कानून में किसी प्रकार के संशोधन का कोई प्रस्ताव नहीं है। वर्ष 2019 में लागू नागरिकता संशोधन कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख पंथों से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देना है।
दरअसल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने यह जवाब एक सवाल के उत्तर में दिया। उन्होंने राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में यह उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि सीएए को 12 दिसंबर 2019 को अधिसूचित किया गया था और यह 10 जनवरी 2020 से प्रभावी हुआ। राय ने कहा, ‘‘सीएए के अंतर्गत नियम बनाने के लिए लोकसभा और राज्यसभा की ‘अधीनस्थ विधान संबंधी समितियों’ से नौ जनवरी 2022 तक का समय विस्तार प्रदान करने के लिए अनुरोध किया गया है.’’ नागरिकता संशोधन कानून का उद्देश्य बांग्लादेश, अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान के छह अल्पसंख्यक समुदायों हिंदू, बौद्ध, जैन, पारसी, ईसाई और सिख पंथों से ताल्लुक़ रखने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देना है।
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