भारत ने स्पष्ट कहा कि भारत के केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के तहत आने वाला है यह भूभाग भारत का हिस्सा है, बावजूद इसके पाकिस्तान ने कानूनी मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है
पाकिस्तानी अधिकारियों ने गिलगित-बाल्टिस्तान को राज्य का दर्जा देने वाले नए कानून को अंतिम रूप दिया है। उसने भारत की सख्त चेतावनी के बाद भी ऐसा किया है। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर के इस क्षेत्र को रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। कश्मीर के इस क्षेत्र में पाकिस्तान ने अवैध रूप से कब्जा किया हुआ है। वर्ष 1994 में भारत की संसद में इसके लिए प्रस्ताव पारित कर भारत ने स्पष्ट कर दिया था कि वह भारत का अविभाज्य अंग है। इसमें गिलगिट—बाल्टिस्तान का भी क्षेत्र है। पाकिस्तान और उसकी न्यायपालिका का अवैध रूप से और जबरन कब्जे वाले क्षेत्र पर कोई अधिकार नहीं है।
दूसरी ओर पाकिस्तान के न्याय व विधि मंत्रालय ने गिलगित-बाल्टिस्तान की सुप्रीम अपीलिएट कोर्ट भंग करने व क्षेत्र के चुनाव आयोग का पाक चुनाव आयोग में विलय करने के लिए नया कानून प्रस्तावित किया है।
इसे 26वां संवैधानिक संशोधन विधेयक नाम देकर पीएम इमरान खान को सौंपा गया है। विधिमंत्री फरोग नसीम को इमरान ने ही नया कानून बनाने का जिम्मा दिया था। इसे बनाते समय पाकिस्तान के संविधान, संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रस्ताव व राष्ट्रीय व क्षेत्रीय कानूनों के प्रावधानों को नजर में रखा गया है।
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