हेनान में बाढ़ की बीबीसी की रिपोर्टिंग से चिढ़े बीजिंग ने कहा कि चीनियों का बीबीसी से भरोसा उठ गया है
इन दिनों बाढ़ से त्रस्त चीन के मंत्रियों का शायद तालिबानियों से कुछ ज्यादा ही मिलना-मिलाना हो रहा है। शायद बात-बात पर तिलमिलाने का चीनियों में बढ़ता शगल उन्हीं जिहादियों की संगत की वजह से आ रहा है। आजकल पाकिस्तान को डपटने में लगे चीनी मंत्री बाढ़ की रिर्पोटिंग को लेकर बीबीसी पर फटे पड़ रहे हैं। कम्युनिस्ट सत्ता को बीबीसी की बाढ़ से बदतर होते हालातों की रिपोर्टिंग पसंद नहीं आ रही है और उसने उसे तथ्य से परे फर्जी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी करारा दिया है। चीन ने बीबीसी पर फर्जी खबरें चलाने का आरोप लगाया है।
बीबीसी पर बरसते हुए चीन ने कहा है कि उसने पत्रकारिता के मानदंडों को लांघा, उनका उल्लंघन किया है। 30 जुलाई को बीजिंग ने कहा है कि मध्य चीन में जो बाढ़ आई है उस पर बीबीसी ने फर्जी रिपोर्टिंग की है। पिछले हफ्ते की बात है जब चीन के मध्य प्रांत हेनान में जबरदस्त बाढ़ ने कहर ढाया था, जानोमाल की भारी तबाही मची थी। बताते हैं करीब 100 लोगों की बाढ़ से जान गई थी। ऐसे में वहां से जो पत्रकार समाचार भेज रहे थे, उनमें बीबीसी के पत्रकार भी थे। बीबीसी ने आरोप लगाया है कि हेनान में बाढ़ की रिपोर्टिंग कर रहे उसके पत्रकारों को सताया गया, उन पर हमला बोला गया। आरोप यह भी है कि चीन में बाढ़ की रिपोर्टिंग कर रहे अन्य कई पत्रकारों को ऑनलाइन खूब सुनाया गया, बुरा-भला कहा गया।
बहरहाल, बीबीसी के इन्हीं आरोपों को लेकर 29 जुलाई को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिज्यान ने उलटे बीबीसी पर ही हमला बोल दिया। प्रवक्ता ने कहा कि बीबीसी मतलब फर्जी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी। इसने जानबूझकर चीन की छवि को दाग लगाने की कोशिश की है। इसने पत्रकारिता के मापदंडों को भी लांघा है। झाओ ने आगे कहा कि चीन की जनता का बीबीसी से भरोसा उठ गया है। इसके पीछे बीबीसी की हरकतें ही हैं।
उल्लेखनीय है कि बीबीसी और बीजिंग के बीच खटास तबसे चली आ रही है जब कम्युनिस्ट पार्टी आफ चाइना ने ऑनलाइन एक संदेश पोस्ट करके अपने फॉलोअर्स से कहा थी कि वे बीबीसी की खबरों से जुड़ी गतिविधियों की जानकारी इकट्ठी करें। यह टिप्पणी हेनान कम्युनिस्ट यूथ लीग की तरफ से डाली गई थी। इसके बाद बीबीसी के पत्रकारों को हत्या तक की धमकियां दी जाने लगी थीं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिज्यान ने बीबीसी पर ही हमला बोल दिया। उन्होंने कहा कि बीबीसी मतलब फर्जी ब्रॉडकास्टिंग कंपनी। इसने जानबूझकर चीन की छवि को दाग लगाने की कोशिश की है। इसने पत्रकारिता के मापदंडों को भी लांघा है। झाओ ने आगे कहा कि चीन की जनता का बीबीसी से भरोसा उठ गया है। इसके पीछे बीबीसी की हरकतें ही हैं।
चीन स्थित विदेश पत्रकार क्लब ने एक बयान जारी करके बताया कि शिनगांजोउ में कुछ गुस्साए स्थानीय लोगों ने पत्रकारों को घेर लिया। कई पत्रकारों को जान से मारने की धमकी दी गई। वहां रिपोर्टिंग कर रही न्यूज एजेंसी एएफपी के संवाददाताओं से जबरदस्ती वीडिया क्लिप डिलीट करने को कहा गया। बीबीसी के साथ बीजिंग की रस्साकशी की एक और वजह बनी बीबीसी रिपोर्टर रॉबिन ब्रांट की बाढ़ के बीच फंसी एक ट्रेन के डिब्बे में एक दर्जन लोगों की मौत की खबर और सरकार की नीतियों को कठघरे में खड़ा करना। इसके बाद चीन में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर बीबीसी के उस रिपोर्टर के विरुद्ध कई नफरती पोस्ट देखने में आई थीं।
पिछले दिनों हेनान में जबरदस्त बारिश के कारण भारी संकट पैदा हुआ था। जबकि चीनी के नागरिक विदेशी पत्रकारों के काम में अड़ंगे डाल रहे थे। बाढ़ की खबरों पर विदेशी मीडिया को घेरने के बाद स्थानीय नागरिकों ने हेनान में कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों के पत्रकारों का जीना मुहाल कर दिया था।
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