पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) में विधान सभा चुनाव कराए जाने पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इन भारतीय क्षेत्रों पर पाकिस्तान का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि उसे अपने अवैध कब्जे वाले सभी इलाकों को खाली कर देना चाहिए। पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले भारतीय भू-भाग में यह तथाकथित चुनाव कुछ और नहीं बल्कि पाकिस्तान द्वारा अपने अवैध कब्जे की सचाई और इन क्षेत्रों में उसके द्वारा किये गये बदलावों को छिपाने की कोशिश है। उन्होंने आगे कहा कि इस तरह का कार्य ना तो पाकिस्तान द्वारा किये गये अवैध कब्जे के सच को छिपा सकता है और ना ही इन अवैध कब्जे वाले क्षेत्रों में उसके द्वारा किये गये मानवाधिकारों के गंभीर हनन, शोषण और लोगों को स्वतंत्रता से वंचित करने के कृत्य पर पर्दा डाल सकता है। भारत ने इस बनावटी कवायद पर पाकिस्तानी अधिकारियों के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की इस कवायद का स्थानीय लोगों ने भी विरोध किया है और उसे खारिज कर दिया है।
गौरतलब है कि पाक अधिक्रांत जम्मू-कश्मीर (पीओजेके) विधानसभा में कुल 53 सीट हैं। लेकिन इनमें से 45 सीटों पर सीधे निर्वाचन किया जाता है। जबकि पांच सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं और तीन विज्ञान विशेषज्ञों के लिए। वहीं सीधे चुने जाने वाले 45 सदस्यों में से 33 सीटें पीओजेके के निवासियों के लिए हैं और 12 सीटें शरणार्थियों के लिए हैं। जो बीते वर्षों में कश्मीर से आकर पाकिस्तान के विभिन्न शहरों में बस गए थे। पीओजेके के विभिन्न जिलों की 33 सीटों पर कुल 587 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था, जबकि पाकिस्तान में बसे जम्मू-कश्मीर के शरणार्थियों की 12 सीटें पर 121 प्रत्याशी मैदान में थे। बता दें कि पीओजेके विधानसभा चुनाव में कश्मीरी शरणार्थियों ने दिलचस्पी नहीं दिखाई थी। उन्होंने एक सिरे से अवैध चुनाव को खारिज कर दिया था।
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