महिलाओं की सुरक्षा और सशक्तिकरण के लिए राज्य सरकार 30 जुलाई से प्रदेश में ‘मिशन शक्ति’ के तीसरे चरण की शुरुआत करने जा रही है. सरकार की मंशा है कि प्रदेश की महिलाएं, शिक्षित, सशक्त, स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनें.
महिला स्वयं सहायता समूह जैसी योजनाओं ने महिलाओं को स्वावलंबन की राह दिखाई है. मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, और मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह जैसी योजना ने बालिकाओं और उनके अभिभावकों को बड़ा संबल दिया है. मिशन शक्ति के पहले और दूसरे चरण अच्छी सफलता मिली. अब मिशन शक्ति के तीसरे चरण को नवीन ऊर्जा के साथ नई दिशा दी जाएगी. इस योजना को स्वास्थ्य विभाग से जोड़ा जाएगा. जनपद स्तर पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. इनमें स्कूल, कॉलेज के अध्यापकों और प्रधानाचार्यों को भी जोड़ा जाएगा. स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास पंचायती राज, गृह, महिला एवं बाल विकास आदि विभागों के परस्पर समन्वय से योजना को सफल बनाया जाएगा.
गौरतलब है कि 17 अक्टूबर 2020 को प्रदेश सरकार ने मिशन शक्ति योजना को प्रदेश में शुरू किया था. इस योजना का दूसरा चरण समाप्त होने वाला है. शारदीय नवरात्रि के अवसर पर उत्तर प्रदेश में “मिशन शक्ति” की शुरुआत हुई थी. शारदीय नवरात्रि से लेकर बासंतिक नवरात्रि तक “मिशन शक्ति” अभियान चलेगा. 'मिशन शक्ति' के पहले चरण में महिलाओं, बेटियों और बच्चों की सुरक्षा व सम्मान सुनिश्चित करते हुए जन जागरूकता का कार्यक्रम चलाया गया. दूसरे चरण में 'ऑपरेशन मिशन शक्ति' के अंतर्गत चिन्हित मनचलों, शोहदों की काउंसलिंग कराई गई एवं ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई.
इस अभियान के अंतर्गत महिलाओं को उन्नति के लिए हर अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं. महिला सम्बन्धी अपराध कतई क्षम्य नहीं है. अभियोजन की कार्यवाही पूरी तैयारी से हो रही है. जल्द से जल्द न्याय के लिए मुकदमों की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में कराई जा रही है. महिलाओं की सुविधा और संवेदनशीलता के दृष्टिगत प्रदेश के सभी थानों और तहसीलों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना की गई है. वहां पर महिला पुलिस को तैनात किया गया है.
टिप्पणियाँ