विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए खतरनाक बता रहे हैं. ऐसे में बच्चों को बेहतर इलाज देने के लिए सरकार हर जिले में स्थित मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक इंटेंसिव केयर यूनिट पीकू व न्यूमेटिक इंटेंसिव केयर यूनिट नीकू तैयार करा रही है. 15 अगस्त तक प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों में 6700 पीकू एवं नीकू बेड तैयार हो जाएंगे जबकि 6500 बेड तैयार किए जा चुके हैं.
बच्चों के लिये विशेष प्रकार के पीडियॉट्रिक आईसीयू तैयार कराए गए हैं. इनमें बच्चों के लिये बेहतर इलाज की व्यवस्था कराई गई है. सभी बेड पर वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. बच्चों के लिये बनाए जा रहे वार्डों में घर जैसा माहौल देने के लिये अंदर की दीवारों पर कार्टून करेक्टर बनाए जा रहे हैं. बच्चों के लिये खिलौने, ड्राइंग बुक्स आदि की व्यवस्था की गई है.
प्रदेश सरकार 72 हजार से अधिक निगरानी समितियों के माध्यम से 18 साल से कम उम्र तक के किशोरों को दवा किट का वितरण कर रही है. सरकार की ओर से अब तक 35 लाख दवा किट का वितरण किया जा चुका है. यह दवा किट निगरानी समितियों के माध्यम से 18 साल से कम उम्र के कोरोना लक्षण युक्त बच्चों को दी जा रही है. दवा के लिए चार वर्गो में (0-1 वर्ष, 1-5 वर्ष, 5-12 वर्ष तथा 12-18 वर्ष ) में बांट कर किट तैयार की गई है. जीरो से एक साल तक के बच्चों के लिए पैरासिटामॉल ड्राप, मल्टी विटामिन ड्राप और ओआरएस का पैकेट, एक से पांच वर्ष वाले बच्चे की किट में पैरासिटामॉल सीरप, मल्टी विटामिन सीरप और ओआरएस पैकेट है. पांच से 12 साल की उम्र वालों के लिए पैरासिटामॉल, मल्टी विटामिन टैबलेट ओआरएस पैकेट के साथ आइवरमेक्टिन छह मिलीग्राम दी जा रही है.
प्रदेश सरकार की ओर से डाक्टरों व पैरामेडिकल स्टॉफ को कोरोना की तीसरी लहर से लड़ने के लिए विशेष ट्रेनिंग दी जा रही है. सरकार अब तक 4600 डाक्टरों को विशेष ट्रेनिंग दे चुकी है. इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में तैनात 8653 पैरा मेडिकल स्टॉफ का स्किल डेवलपमेंट किया जा रहा है. वहीं, प्रदेश में तीसरी लहर को देखते हुए 548 आक्सीजन प्लांट भी बनवाए जा रहे हैं. इसमें से 239 आक्सीजन प्लांट चालू भी हो चुके हैं.
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