चीन की वुहान लैब (फाइल चित्र)
यह तय है कि चीन दुनिया की ओर से की जा रही वुहान लैब की दोबारा जांच की मांग को आसानी से नहीं मानने वाला
विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भेजे वुहान लैब की दुबारा जांच करने के प्रस्ताव को चीन ने यह कहते हुए ठुकरा दिया है कि यह विज्ञान का अपमान करने जैसा है। विश्व के दबाव में कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वुहान लैब की दोबारा जांच की ओर कदम बढ़ाया था, लेकिन चीन की हठधर्मी की वजह से उसे शायद इसमें कामयाबी नहीं मिल पाएगी। लगभग दो साल दुनिया कोरोना महामारी से त्रस्त है और लाखों लोग इसमें अपने प्राण गंवा चुके हैं। दुनिया के अनेक शोधकर्ताओं ने जांच में इस वायरस के वुहान लैब से ही निकलने के कयास लगाए हैं और मांग की है कि इस लैब की फिर से जांच की जाए तो नए सुराग हाथ आ सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन की पिछली जांच में वायरस के लैब से लीक होने की बात को खारिज कर दिया गया था।
दरअसल चीन नहीं चाहता कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर दुनियाभर में आवाज उठे और उसके निशाने पर वह हो। शायद इसीलिए उसने, विशेषज्ञों के अनुसार, वायरस से जुड़ा तमाम डाटा नष्ट कर दिया है। बीजिंग इस बात का अस्वीकार कर चुका है कि वायरस वुहान लैब से लीक हुआ था। लेकिन अब नए सिरे से वायरस की उत्पत्ति को लेकर चल रहे प्रयासों पर ड्रेगन की बौखलाहट स्वाभाविक ही है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गत 23 जुलाई को कोरोना वायरस की उत्पत्ति की खोज करने के लिए एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय जांच करने का प्रस्ताव रखा है। संगठन ने कहा है कि चीन की तमाम अन्य लैब की भी जांच होनी जरूरी है। अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों की ओर से भी चीन की वुहान लैब की दोबारा जांच करने का दबाव बनाया जा रहा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गत 23 जुलाई को कोरोना वायरस की उत्पत्ति की खोज करने के लिए एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय जांच करने का प्रस्ताव रखा है। संगठन ने कहा है कि चीन की तमाम अन्य लैब की भी जांच होनी जरूरी है। अमेरिका और दुनिया के अन्य देशों की ओर से भी चीन की वुहान लैब की दोबारा जांच करने का दबाव बनाया जा रहा है। खबर है कि 24 जुलाई को अमेरिकी उपविदेश मंत्री वेंडी शेरमन चीन के दौरे पर जाने वाली हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख डॉ. तेद्रास की ओर से गए जांच के प्रस्ताव में चीन की उन लैब की जांच करने की बात है जो उन इलाकों में हैं जहां 2019 में पहली बार इस वायरस संक्रमण के मामले देखे गए थे। लेकिन चीन के उपस्वास्थ्य मंत्री जेंग यी शिन ने 22 जुलाई को एक पत्रकार वार्ता में कहा है कि इस प्रस्ताव से उन्हें बहुत हैरानी हुई है। उन्होंने कहा कि ये प्रस्ताव आम समझ को अपमानित करता है, साथ ही यह विज्ञान का भी अपमान करता है।
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