यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया। (प्रकोष्ठ में) हार्स शू चमगादड़
अभी चीन में उपजे कोरोना वायरस से मुक्ति मिलती नहीं दिख रही है, ऐसे में यू.के. में हुई एक शोध के नतीजों ने हैरान कर दिया है
कोरोना वायरस की तीसरी और चौथी लहर की संभावित लहर का सामना करने को जहां एक ओर विश्व जूझ रहा है वहीं ब्रिटेन से एक चौंकाने वाली खबर आई है। अब यूके में चमगादड़ की एक खास किस्म में कोरोना फैलाने वाला सार्स-सीओवी2 वायरस पाने का दावा किया है एक शोध ने। यह नया वायरस, 'सरबेको वायरस' कोरोना वायरस के उपसमूह में ही आता है। शोध की मानें तो इसमें सार्स-सीओवी2 और सार्स-कोव, दोनों शामिल हैं।
हार्स शू चमगादड़ में मिला वायरस
इस नई शोध को करने वाले वैज्ञानिकों का कहना है कि इसमें बहुत कम संदेह है कि चमगादड़ के अंदर यह वायरस एक लंबे समय से बना रहा होगा। लेकिन इसका यह परीक्षण पहली बार हुआ है। उल्लेखनीय है कि यूके में चमगादड़ की इस नस्ल को कहते हैं हॉर्स शू बैट। इसी में यह सार्स-सीओवी2 वायरस पाया गया है, जो इंसानों को कोरोना महामारी से संक्रमित करता है। यह नई शोध यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन तथा पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के सहयोग से की गई है। उसी के निष्कर्ष में ये खुलासा हुआ है। बहरहाल, शोधकर्ताओं का कहना कि इस बात का एक भी सबूत नहीं मिला है कि आने वाले वक्त में यह वायरस बिना रंग—रूप बदले इंसानों को संक्रमित कर सकता है कि नहीं।
यूके में चमगादड़ की इस नस्ल को कहते हैं हॉर्स शू बैट। इसी में यह सार्स-सीओवी2 वायरस पाया गया है, जो इंसानों को कोरोना महामारी से संक्रमित करता है। यह नई शोध यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया, जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन तथा पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के सहयोग से की गई है। उसी के निष्कर्ष में ये खुलासा हुआ है।
वर्तमान कोविड-19 महामारी फैलाने के पीछे सार्स-सीओवी2 वायरस है, जबकि सार्स-सीओवी 2003 में सार्स का रोग फैलने की मुख्य वजह माना गया था। ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने शोध के लिए समरसेट, ग्लॉस्टरशायर तथा वेल्स आदि जगहों से करीब 50 हॉर्स शू चमगादड़ों से मल के नमूने एकत्र किए थे। विश्वविद्यालय की वेबसाइट के अनुसार, नमूनों का वायरल विश्लेषण पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड ने किया था।
क्या है आरएचजी01
चमगादड़ के नमूनों की जीनोम सीक्वेंसिंग ने एक नमूने में कोरोना वायरस होने का पता लगाया है। शोधकर्ताओं ने इसे आरएचजी01 नाम दिया है। सार्स से जुड़े कोरोना वायरस, सरबेको वायरस पहली बार घोड़े की नाल जैसे चमगादड़ में पाया गया सरबेको वायरस यूके में खोजा जाने वाला अपनी तरह का पहला वायरस भी है।
इतना ही नहीं, शोधकर्ताओं ने कहा है कि अगर एक कोरोना संक्रमित व्यक्ति से वायरस संक्रमित चमगादड़ में पहुंचता है, तो वायरस म्यूटेट हो सकता है। यूनिवर्सिटी ऑफ ईस्ट एंग्लिया की प्रोफेसर डायना बेल का कहना है कि हॉर्स शू चमगादड़ पूरे यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में पाए जाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि उनका शोध इस प्रकार के वायरस की भौगोलिक स्थिति और प्रजातियों, दोनों पर विस्तार से नजर डालता है।
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