'मुमकिन' योजना के तहत जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के 250 युवाओं को छोटे वाणिज्यिक वाहन वितरित किए।
जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को 44 डिजिटल ग्राम केंद्रों का शुभारंभ हुआ। इसके उद्घाटन मौके पर उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में विकास के नए युग की शुरुआत हुई है। समावेशी विकास की दिशा में यह एक बड़ी छलांग है।
मनोज सिन्हा ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में सही ढंग से विकास का एक नया युग शुरू हुआ है। 44 पंचायतों और 40 ब्लॉकों को डिजिटल ग्राम केंद्रों के रूप में लोगों को समर्पित किया गया है। इसका उद्देश्य सरकार की योजनाओं तक ऑनलाइन माध्यम से पहुंच उपलब्ध कराना है। यह पहल सरकार को अपने कार्यक्रम और नीतियों को आसानी से उपलब्ध प्रणाली के माध्यम से प्रसारित करने में सक्षम बनाएगी।
इसके अलावा, उपराज्यपाल ने मिशन युवा कार्यक्रम की 'मुमकिन' योजना के तहत केंद्र शासित प्रदेश के 250 युवाओं को छोटे वाणिज्यिक वाहन वितरित किए। वाहनों की चाबियां युवाओं को सौंपते हुए उन्होंने उनके सफल भविष्य की कामना करते हुए कहा कि स्वरोजगार उद्यमियों के रूप में उनकी नई यात्रा शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि प्रशासन मिशन यूथ और अन्य उद्यमशीलता, स्वरोजगार योजनाओं के तहत आजीविका सृजन, कौशल विकास और युवा जुड़ाव के लिए कई कार्यक्रम चला रहा है। युवाओं के लिए सभी कार्यक्रमों की सामूहिक प्रतिबद्धता उन्हें करियर के अवसर प्रदान करना और सफल उद्यमी बनने के अलावा रोजगार देने वाला बना है।
औद्योगिक विकास के लि 28,400 करोड़ रुपये
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मार्गदर्शन में जम्मू-कश्मीर को 28,400 करोड़ रुपये की नई औद्योगिक विकास योजना मिली है। जब इस साल की शुरुआत में यह योजना शुरू की गई थी, तो हमारा अनुमान 20,000-25,000 करोड़ रुपये आकर्षित करने का था। लेकिन निवेशकों की दिलचस्पी और उत्साह को देखकर लगता है कि यह आंकड़ा लगभग 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। इसी तरह, नई औद्योगिक विकास योजना के तहत रोजगार सृजन का अनुमान भी दोगुना हो जाएगा। उपराज्यपाल ने कहा कि औद्योगिक संपदा, आईटी टावर, लॉजिस्टिक्स पार्क, कोल्ड चेन, मेडिसिटी, एडु-सिटी आदि की स्थापना के अलावा, औद्योगिक नीति पर ध्यान केंद्रित कर औद्योगिक विकास को ब्लॉक स्तर पर ले जाना है।
50 हजार युवाओं को उद्यमी बनाने का लक्ष्य
उन्होंने कहा कि रोजगार क्षेत्र में सुधार लाने के साथ-साथ हम बुनियादी ढांचे के विकास पर भी काम कर रहे हैं। महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार के विभिन्न पहलों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने महिलाओं के लिए 'तेजस्विनी' कार्यक्रम और 'हौसला' योजना शुरू की है। इसके तहत उन्हें प्रशिक्षण और बाजार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार ने तेजस्विनी कार्यक्रम के माध्यम से महिला उद्यमियों के व्यवसाय का विस्तार करने की भी योजना बनाई है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने 50,000 युवा लड़के व लड़कियों को उद्यमी बनाने का लक्ष्य रखा है।
अन्य राज्यों के मुकाबले बेरोजगारी दर 10.6 प्रतिशत
जून के लिए सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में बेरोजगारी दर केवल 10.6 प्रतिशत है जो केरल, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश और गोवा जैसे कई राज्यों की तुलना में काफी कम है। उन्होंने कहा, "आज युवा पारदर्शी प्रशासन से जुड़ाव महसूस कर रहे हैं। मुझे हर महीने हजारों युवाओं के संदेश मिलते हैं और उनकी सबसे बड़ी खुशी यह है कि पहली बार उन्हें पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रणाली से उम्मीद मिली है। मेरा मानना है कि ऐसी कोई चुनौती नहीं है, जिसे जम्मू-कश्मीर के 1.25 करोड़ लोगों के सहयोग से दूर नहीं किया जा सकता है।”
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