सऊदी अरब में जारी है वैक्सीनेशन (फाइल चित्र)
कोरोना वायरस के म्यूटेशन और दूसरे देशों में अब भी संक्रमण का बड़े पैमाने पर असर देखते हुए किया गया फैसला
सऊदी अरब में कोरोना संक्रमण पर उतना काबू अभी नहीं हो पाया है जितना सरकार ने सोचा था। हालांकि वहां जनसंख्या कम है और बड़े पैमाने पर कोरोना का टीकाकरण अभियान चलाया जाता रहा है। लेकिन अब भी संक्रमण पर उतना नियंत्रण नहीं हो पाया है। सरकार आएदिन अलग-अलग नियम बनाकर इस महामारी को जल्द से जल्द काबू करने में लगी है।
हाल में वहां नागरिकों के लिए एक और नया नियम बनाया गया है। इस खाड़ी देश की सरकार ने कहा है कि यहां के जो नागरिक देश से बाहर जाने के इच्छुक हैं वे सुनिश्चित कर लें कि उनको दोनों खुराक लग चुकी हैं। ऐसा न होने पर उन्हें विदेश जाने की अनुमति नहीं होगी।
वायरस के नित बदलतेे प्रकारों के साथ संक्रमण की स्थिति भी लगातार बदल रही है। सऊदी अरब के विशेषज्ञों ने पाया है कि वैक्सीन की एक ही खुराक लेने से कई तरह के स्वरूपों से बचाव नहीं हो पा रहा है। इसलिए अब तय किया गया है कि सऊदी अरब से बाहर जाने वाले वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवाकर ही जा पाएंगे।
यह निर्णय वहां के केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से कई और देशों में कोरोना की तीसरी, चौथी लहर और वायरस में लगातार आ रहे बदलावों को देखते हुए लिया गया है। साथ ही, सऊदी अरब में एक ही खुराक लेने वालों के संक्रमण के प्रति पूरी तरह से निरोधी होेने की संभावना भी वैसी नहीं है जैसी पहले सोची गई थी। इसलिए भी वैक्सीन की दोनों खुराकें लेना अनिवार्य किया गया है। एक खुराक का वायरस के म्यूटेशन पर प्रभाव कम ही पाया गया है।
बहरहाल, वायरस के नित बदलतेे प्रकारों के साथ संक्रमण की स्थिति भी लगातार बदल रही है। वहां के विशेषज्ञों ने पाया है कि वैक्सीन की एक ही खुराक लेने से वायरस के कई तरह के स्वरूपों से बचाव नहीं हो पा रहा है। इसलिए अब तय किया गया है कि सऊदी अरब से बाहर जाने वाले वैक्सीन की दोनों खुराकें लगवाकर ही जाएं। बताते हैं, नया नियम 9 अगस्त से क्रियान्वित किया जाएगा। इस बीच यूरोप सहित कई देशों से बड़े पैमाने पर लोगों के कोरोना के म्यूटेशन से ग्रस्त होने की खबरें चिंता पैदा कर रही हैं।
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