ब्रिटिश संसद हाउस ऑफ कॉमन्स ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया है। इसमें कहा गया है कि जब तक चीन शिनजियांग प्रांत में उइगरों पर ‘अत्याचार’ बंद नहीं करता, तब तक ब्रिटिश सरकार बीजिंग-2022 शीतकालीन ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करे।
चीन पर अंतर-संसदीय गठबंधन (आईपीएसी) के एक बयान के अनुसार, प्रस्ताव में उइगर क्षेत्र में सामूहिक अत्याचार अपराधों के आरोपों का संदर्भ दिया गया है। साथ ही, ब्रिटेन सरकार और उसके प्रतिनिधियों से बीजिंग खेलों में भाग लेने के निमंत्रण को अस्वीकार करने का आग्रह किया गया है। इस प्रस्ताव में इस साल मार्च में उइगर अधिकारों की वकालत करने वाले टिम लॉटन सांसद और आईपीएसी के चार अन्य सदस्यों सहित ब्रिटिश नागरिकों पर चीनी सरकार द्वारा प्रतिबंधित करने का भी उल्लेख है।
बीजिंग ओलंपिक का राजनयिक बहिष्कार करने की वैश्विक मांग के बीच यह प्रस्ताव आया है। पिछले हफ्ते यूरोपीय संसद ने यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के नेताओं को बीजिंग ओलंपिक में भाग लेने के निमंत्रण को अस्वीकार करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया था।
ब्रिटिश संसद में पारित प्रस्ताव के लेखक व कंजर्वेटिव सांसद टिम लॉटन ने कहा, "सरकार एक तरफ उइगर क्षेत्र में औद्योगिक इलाके में मानवाधिकारों के हनन की बात करती है और दूसरी ओर व्यापार संबंध प्रगाढ़ करने के लिए बीजिंग के पीछे भागती है। यहां तक कि एक चीनी स्वामित्व वाली कंपनी को हमारे सबसे बड़े सेमीकंडक्टर निर्माता को तोड़ने की अनुमति भी दी। समय आ गया है कि सरकार बीजिंग को मिश्रित संदेश भेजना बंद करे और चीनी सरकार की गालियों के प्रति अपनी सख्त प्रतिक्रिया दे। अधिनायकवादी शासन का परेशान करने वाला इतिहास रहा है। वह अपनी करतूतों पर परदा डालने के लिए वैश्विक स्तर ओलंपिक के जरिए प्रचार करता है। यह ब्रिटेन और दुनिया के लोकतांत्रिक देशों पर निर्भर है कि वह बीजिंग को एक स्पष्ट संदेश भेजे कि हम उइगर क्षेत्र, तिब्बत और हांगकांग में उसकी करतूतों से आंखें नहीं मूंदेंगे, और शीतकालीन ओलंपिक में प्रचार कर जीत हासिल नहीं करने देंगे।”
हाउस ऑफ कॉमन्स के लेबर शैडो डिप्टी लीडर अफजल खान ने कहा, "चीनी सरकार द्वारा उइगर मुसलमानों के दमन का एक लंबा और काला इतिहास है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उइगरों के उत्पीड़न को तेज कर दिया है। राजनयिक बहिष्कार यह सुनिश्चित करेगा कि ब्रिटेन औद्योगिक पैमाने पर मानवाधिकारों के हनन से आंखें मूंद न ले।"
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