सिंध में जबरन कन्वर्जन की इस ताजा घटना से इलाके में आक्रोश है। हिन्दू समुदाय अपनी सुरक्षा के प्रति चिंतित है
पाकिस्तान के सिंध सूबे से एक हैरान करने वाली खबर आई है। पिछले दिनों वहां कम से कम 60 हिन्दुओं का सामूहिक कन्वर्जन किया गया। इस जबरिया कन्वर्जन में एक मौलाना ने उन्हें कलमा पढ़ाया।
पाकिस्तान की इमरान खान सरकार एक ओर तो 'नया पाकिस्तान' और 'अल्पसंख्यकों की खुशहाली' जैसे जुमले उछालती है तो दूसरीे ओर बेखटके अपना इस्लामी एजेंडा चलाती है। लेकिन गत 7 जुलाई को सिंध में उन 60 हिन्दुओं के साथ जो किया गया, उसने इमरान खान के दावों को एक बार फिर बेपर्दा कर दिया है।
हुआ यूं कि सिंध सूबे में मीरपुर क्षेत्र के अंदर करीब 60 हिंदुओं को जबरन इस्लाम में कन्वर्ट कर दिया गया। इतना ही नहीं, कन्वर्ट हुए हिंदुओं को स्थानीय नगरपालिका के अध्यक्ष की मौजूदगी में कलमा पढ़ने को कहा गया। अब्दुल रऊफ निजामनी नाम के नगरपालिका अध्यक्ष की सरपरस्ती में सामूहिक कन्वर्जन को अंजाम दिया गया। इसका एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर डाला गया था। फेसबुक पर इस पोस्ट में निजामनी ने कहा, ‘मेरी निगरानी में आज 60 लोग मुसलमान हुए हैं. इनके लिए दुआ करें।’ निजामनी ने जो वीडियो साझा किया है उसमें एक मौलवी हिंदुओं को कलमा पढ़ाता देखा जा सकता है।
मुसलमान का 'मकसद'
एक दूसरे वीडियो में मौलवी यह कहता दिखाई देता है कि 'यह उनकी पहली नमाज का पाठ था।' मौलवी कन्वर्टिड हिन्दुओं से कह रहा है, 'एक मुस्लिम आदमी के जीवन का एक ही मकसद है, अल्लाह को खुश करना। तभी उसके जीवन का मकसद पूरा होगा। जिन्हें अल्लाह ने मंजूरी दी है, सिर्फ उन्हीं लोगों का जीवन ही आगे बढ़ेगा।' पाकिस्तान के सिंध सूबे में इससे पहले भी कन्वर्जन के अनेक मामले देखने में आए हैं। हिन्दुओं के कन्वर्जन के अलावा, उनको तरह—तरह से सताया गया है, लड़कियों से जबरन निकाल किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि 22 करोड़ की आबादी वाले पाकिस्तान में हिंदुओं की संख्या सिर्फ 45 लाख है। वे वहां अल्पसंख्यक हैं। यानी हिन्दुओं की आबादी वहां करीब 2 प्रतिशत ही बची है। उनमें से भी ज्यादातर हिन्दू सिंध सूबे में रहते हैं।
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