जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में लोक कल्याण की योजनाओं का लाभ अब बिना देरी के लोगों तक पहुंचेगा। इसके लिए प्रशासन बड़ी तीव्र गति से काम कर रहा है। वित्त विभाग ने 2021-22 के लिए जिला पूंजी बजट के तहत बजट की 50 फीसद धनराशि को सभी जिला विकास आयुक्त को जारी करने की मंजूरी दे दी है।
स्टोरी— जम्मू-कश्मीर के सभी जिलों में लोक कल्याण की योजनाओं का लाभ अब बिना देरी के लोगों तक पहुंचेगा। इसके लिए प्रशासन बड़ी तीव्र गति से काम कर रहा है। वित्त विभाग ने 2021-22 के लिए जिला पूंजी बजट के तहत बजट की 50 फीसद धनराशि को सभी जिला विकास आयुक्त को जारी करने की मंजूरी दे दी है। इसमें जिलों के नियमित बजट, जिला विकास परिषद, ब्लाक विकास परिषद और पंचायतों का अनुदान शामिल होगा। वहीं केंद्र प्रायोजित योजनाओं और नाबार्ड के तहत ऋण की योजनाओं की धनराशि विभागों को अलग से जारी की जाएगी। वित्तीय आयुक्त अरुण कुमार मेहता की तरफ से जारी आदेश के तहत सभी जिलों को 50 फीसद बजट जारी करने को मंजूरी दी गई है। इसके लिए मापदंड तय किए गए हैं। वहीं इन धनराशि को खर्च करने का मुख्य उद्देश्य आम लोगों को फायदा देना होगा। निर्धारित मापदंड के तहत कोई भी कार्य तब तक शुरू नहीं किए जा सकते, जब तक संबंधित अधिकारियों से हर मामले में प्रशासनिक मंजूरी ना मिली हो।
आदेश के मुताबिक जम्मू-कश्मीर इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फाइनेंस कॉरपोरेशन के तहत अधर में लटकी परियोजनाएं पर बजट में शामिल धनराशि खर्च नहीं की जाएगी। साल 2021-22 के आखिरी महीने में बजट की 15 फीसद से अधिक की धनराशि खर्च नहीं की जा सकती है। आदेश में कहा गया है कि काम करने वाली एजेंसी सभी वस्तुओं और सेवाओं की खरीद जीएम पोर्टल के जरिए करेंगी। सभी जिला विकास आयुक्त खर्च के कार्य की निगरानी करेंगे; सभी सरकारी लेनदेन इलेक्ट्रॉनिक मोड के जरिए ही होंगे। इसमें नकद लेनदेन नहीं होगा। वहीं प्रोजेक्ट के लिए कैजुअल वर्कर, जरूरत के आधार पर दिहाड़ी मजदूरों को नियुक्त करने पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
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