उत्तर प्रदेश में कोरोना से हुई मौतों के आंकड़ों में हेराफेरी कर कुछ असामाजिक तत्व उत्तर प्रदेश सरकार को बदनाम करने की कोशिश में लग गए हैं. आरटीआई से मिली जानकारी के बाद तथ्यों और आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया जिसके बाद से सोशल मीडिया पर यह मामला तूल पकड़ता नजर आ रहा है. विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला.
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा कि विपक्ष ने पहले वैक्सीन और अब मौत के आंकड़ों की राजनीति करना शुरू कर दिया है. बौखलाया विपक्ष उत्तर प्रदेश की जनता के बीच सिर्फ भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहा है. विभाग की ओर से जारी आंकड़े बताते हैं कि सोशल मीडिया पर आंकड़ों का हेरफेर कर यूपी सरकार को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है." दरअसल एक तथाकथित एक्टिविस्ट ने आरटीआई में सरकार से पूछा कि जुलाई 2019 से मार्च 2020 और जुलाई 2020 से मार्च 2021 तक उत्तर प्रदेश में कुल कितनी मौतें हुईं. इसके बाद सोशल मीडिया पर इन आंकड़ों को कोरोना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जनवरी 2021 में कुल 1,03,000, फरवरी 2021 में 99,100, मार्च 2021 में 70,797 मौतें हुई हैं.
वहीं अप्रैल 2021 में 61,986 मृत्यु हुई. जिन आंकड़ों को कोविड के साथ जोड़ा जा रहा है वो गलत है क्योंकि कोरोना की पहली लहर मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक ही थी, वहीं दूसरी लहर की बात की जाए तो अप्रैल 2021 से कोविड के मामले बढ़ने शुरू हुए थे. ऐसे में सवाल उठता है कि जिन लोगों ने आंकड़ों में हेराफेरी की है, उन्हें अप्रैल का आंकड़ा भी उजागर करना चाहिए था. विभाग की तरफ से जारी आंकड़े बताते हैं कि जनवरी, फरवरी और मार्च 2021 में मौतें ज्यादा हुईं लेकिन वो कोरोना से नहीं हुई, क्योंकि कोविड की दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आनी शुरु हुई थी.
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