वेब डेस्क
कोरोना पीड़ितों की मदद कर रही सेवा भारती का सहयोग करने पर परिवार को भयभीत करने की कम्युनिस्ट गुंडों की बेरहम चाल
केरल में कम्युनिस्टों के राज में रोज हैवानियत की हदें तोड़ी जाएं तो आश्चर्य की बात नहीं है। जानवरों, पक्षियों के प्रति ही नहीं, कम्युनिस्ट गुंडों की बर्बरता इंसान की जान की भी कोई कीमत नहीं समझती। केरल में मार्क्सवादियों द्वारा रा.स्व.संघ और अन्य हिन्दू संगठनों के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की निर्मम हत्या की गई है।
कल अलप्पुझा जिले से एक हैरान और चिंता में डालने वाली ऐसी ही एक खबर मिली है, जो कम्युनिस्ट गुंडों की हैवानियत फिर से उजागर करती है। वहां 11 साल के एक बच्चे, क्रिस्टी देवस्या ने 25 कबूतर पाले हुए थे, मार्क्सवादी गुंडे आए और एक एक कर सबके पंख नोंचे, गर्दनें मरोड़कर उन्हें मार डाला। उस बच्चे का कसूर क्या था? 'कसूर' बच्चे का नहीं, उसके परिवार का था, और वह ये कि कोरोना मरीजों को राहत पहुंचाने में जुटी सेवा भारती के उस ईश्वरीय कार्य में उन्होंने सहायता की थी।
उस बच्चे और परिवार ने कोरोना मरीजों को भोजन उपलब्ध कराने में अपनी किंचित मदद दी थी। कम्युनिस्ट गुंडों को यह बात पता चलनी ही थी, लिहाजा वो झुंड बनाकर आए और 'परिवार को सबक सिखाने के लिए' उस बच्चे के पालतू कबूतरों को मार डाला।
घटना के ब्योरे के अनुसार, यह घटना केरल के अलाप्पुझा जिले की है। बच्चे के परिवार ने चेरथला के मारुथोरवट्टम इलाके में कोरोना मरीजों को खाना उपलब्ध कराने के लिए मदद में जुटे हिन्दू संंगठन सेवा भारती का सहयोग किया था। कम्युनिस्ट गुंडों को पता चला कि देवस्या के परिवार ने सेवा भरती की सहायता की है, तो बस परिवार को 'सबक सिखाने के लिए' उनके पालतू कबूतरों को मार डाला।
पता चला है कि बच्चे देवस्या के पिता बेनी पहले कम्युनिस्ट पार्टी के कार्यकर्ता थे। लेकिन पार्टी के कुछ सदस्यों के साथ मतभेद होने पर उन्होंने अपना रास्ता बदल लिया और पार्टी के क्रियाकलापों दूर रहने लगे थे। इसलिए स्थानीय लोगों का अंदाजा है कि उस वजह से भी कम्युनिस्ट तत्व बेनी और उनके परिवार से नाराज थे। कबूतरों की हत्या के मामले की भी पुलिस में शिकायत दर्ज न करने का उनका फैसला इसी भय से है कि कहीं आने वाले दिनों में माकपा के गुंडे उनकी जान के लिए खतरा न बन जाएं।
इस घटना का पता चलते ही स्थानीय भाजपा और रा.स्व.संघ के वरिष्ठ कार्यकर्ता बेनी से मिलने उनके घर गए थे। उन्होंने वहां घटना पर विस्तार से चर्चा की और साथ ही परिवार की हर तरह की सहायता का भरोसा दिया। उल्लेखनीय है कि कोरोना मरीजों की सेवा में सेवा भारती ने हजारों पीड़ितों को ऑक्सीजन, भोजन और दवाएं उपलब्ध करवाई हैं। भोजन के पैकेट बांटे, बड़े पैमाने पर मास्क बनाकर बांटे। लेकिन केरल में कम्युनिस्टों को हर उस बात से चिढ़ है जो संघ या भाजपा से जुड़ी हो, और फिर सेवा भारती की मदद करना हो 'हद से बाहर' की बात है उनके लिए!
टिप्पणियाँ