20 महीने से खुंजेरब सीमा बंद है, इससे पाकिस्तान के कारोबारी बेहाल हैं। उन्होंने इमरान सरकार से गुहार की है कि सीमा खुलवाई जाए
चीन के पड़ोसी देश उसकी दादगिरी से, दुश्मन उसकी साजिशी नफरत से तो दोस्त भी उसकी सनक से परेशान हैं। ताजा उदाहरण चीन की गोद में बैठने को उतावला पाकिस्तान का है। एएनआई ने खबर दी है कि कोरोना महामारी की वजह से गत 20 माह से पाकिस्तान-चीन व्यापार सीमा बंद की हुई है। लेकिन इसका एक बड़ा उलटा असर पड़ रहा है पाकिस्तानी कारोबारियों को। उनको जबरदस्त आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है। हालत यह है कि वे सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन कर रहे हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री, फौज और नेताओं से गुहार लगा रहे हैं कि चीन को सीमा खोल देने को मनाएं।
पाकिस्तान के कारोबारियों की तरफ से प्रधानमंत्री इमरान खान, फौज के सरपरस्त जनरल कमर बाजवा, विदेश मंत्री आदि सहित पाकिस्तान में चीनी राजदूत से दोनों देशों के बीच की व्यापार सीमा को खोलने की अपील की है। एक्सपोर्टर यूनियन के अध्यक्ष जावेद हुसैन का कहना है कि सीमा बंद होने से कारोबारियों को बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान हुआ है। जावेद ने लगभग चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कारोबारियों की मांगें पूरी नहीं हुईं, तो क्षेत्र के सभी व्यापारी खुंजेरब दर्रे, पार्लियामेंट और विदेश मंत्रालय के बाहर मजबूरन धरना देंगे।
इधर पाकिस्तान टुडे में छपी एक रपट में है कि पाकिस्तानी कारोबारियों ने पाकिस्तान-चीन सीमा बंद होने से अपने कामकाज को हुए भारी नुकसान से तंग आकर सीमा को खोलने के लिए एक हफ्ते की मोहलत दी है। अगर सीमा नहीं खोली गई तो इस्लामाबाद सहित गिलगित-बाल्टिस्तान में धरने-प्रदर्शन होंगे। जावेद हुसैन ने यह भी कहा कि पाकिस्तान-चीन सीमा पर आश्रित सभी कारोबारियों के लिए यह रोजी-रोटी का जरिया है। उल्लेखनीय है कि चीन पहले कारोबार चालू करने को राजी तो हुआ था, लेकिन कड़ी शर्तों के साथ। वह खुंजेरब सीमा को खोलने को तैयार भी था। लेकिन उसकी चालाकी यह थी कि शर्तों की आड़ में उसने पाकिस्तान के निर्यातकों को चीन में दाखिल होने की इजाजत नहीं देने की घोषणा की थी।
टिप्पणियाँ