ऐसा लगता है कि अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने पिता लक्ष्मीमल्ल सिंघवी से कुछ भी नहीं सीखा है। यदि वे ऐसा करते तो यह बिल्कुल नहीं कहते, ''ॐ के उच्चारण से न तो योग अधिक शक्तिशाली हो जाएगा, न ही अल्लाह के नाम से योग की शक्ति कम हो जाएगी।'' अभिषेक इस पर कुछ नहीं बोलते तो उनकी शक्ति जरूर बरकरार रहती।
एक बार फिर से यह बात साबित हो गई है कि कांग्रेस को योग दिवस मनाना बिल्कुल पसंद नहीं है। आज वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट करते हुए लिखा है,''ॐ के उच्चारण से न तो योग अधिक शक्तिशाली हो जाएगा, न ही अल्लाह के उच्चारण से योग की शक्ति कम हो जाएगी।'' इस पर योग गुरु स्वामी रामदेव ने इन शब्दों में प्रतिक्रिया दी है, ''अल्लाह, भगवान, खुदा सब एक ही हैं। ऐसे में ॐ बोलने में दिक्कत क्या है, लेकिन हम किसी को भी खुदा बोलने से मना नहीं कर रहे हैं।'' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इन सभी को भी योग करना चाहिए, फिर इन सभी को एक ही परमात्मा दिखेगा।
वहीं वरिष्ठ भाजपा नेेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है, ''छुटभैये नेता के ट्वीट से योग की मान्यता खत्म नहीं हो जाएगी।'' वहीं इस ट्वीट को लेकर सोशल मीडिया में सिंघवी की जबर्दस्त खिंचाई हो रही है। एक व्यक्ति ने लिखा है, ''ॐ की जगह सोनिया गांधी या राहुल गांधी का नाम लेने से योग शक्तिशाली हो जाता है।''
सिंघवी ने ऐसी बातें उस समय कही हैं, जब पूरी दुनिया आज योग दिवस मना रही है। अभिषेक की इस बात से कई लोग कह रहे हैं कि उन्होंने अपने पिता लक्ष्मीमल्ल सिंघवी से कुछ भी नहीं सीखा है। अब तो लक्ष्मीमल्ल जी इस दुनिया में रहे नहीं। इसलिए सीखने की सारी संभावनाएं भी खत्म हो गई हैं। अत: अभिषेक ऐसी कुछ और बातें बोल दें तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि लक्ष्मीमल्ल सिंघवी भारतीय संस्कृति के उद्भट ज्ञाता थे। यही कारण है कि जब इंदिरा गांधी ने भाररतीय संविधान में 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द जोड़ने की बात कही तो उस समय लक्ष्मीमल्ल जी ने उन्हें कहा था कि 'धर्मनिरपेक्ष' शब्द भारतीय संस्कृति के अनुसार सही नहीं है, हां, इसकी जगह 'पंथनिरपेक्ष' शब्द हो सकता है। इंदिरा गांधी ने उनकी सलाह मानकर संविधान में 'पंथनिरपेक्ष' शब्द जुड़वाया, लेकिन आज के सेकुलर नेता धर्मनिरपेक्ष शब्द जानबूझकर बोलते हैं। स्वामी रामदेव ने ठीक ही कहा है कि हे भगवन ऐसे लोगों को सन्मति दें।
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