दिल्ली और झारखंड के बोकारो में 1984 के दंगों के पीड़ितों ने वेब सीरीज़ ‘ग्रहण’ के निर्माता और हॉटस्टार डिज्नी को कानूनी नोटिस भेजा है। आरोप है कि ओटीटी मंच अपनी वेब सीरीज 'ग्रहण' में सिख दंगों की कहानी को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है और जान-बूझ कर सिख समुदाय की भावनाओं को आहत करने का प्रयास कर रहा है।
दिल्ली के दंगा पीडि़तों द्वारा वकील हरप्रीत सिंह होरा के माध्यम से भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि भारत के विभिन्न शहरों में हजारों सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मार डाला गया था। बोकारो शहर भी 1984 के दंगों के दौरान हृदयविदारक रक्तपात का गवाह रहा था। इसमें पीडि़तों निरप्रीत कौर, सतनाम सिंह गंभीर और जसमीत सिंह ने ‘ग्रहण’ के निर्माता और हॉटस्टार डिज्नी से माफी मांगने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि निर्माताओं ने यह दिखाने का प्रयास किया है कि एक सिख व्यक्ति लूट, आगजनी में शामिल था। यह दर्शाता है कि सिख समुदाय की भावनाओं को जान-बूझकर आहत करने का प्रयास किया गया है। सच्चाई यह है कि दंगों में गुरुद्वारों को जलाया गया था। सिख परिवारों की दुकानों, कारखानों और घरों को लूटा गया था, जला दिया गया था। सिखों ने ऐसा कुछ नहीं किया था।
पीडि़तों ने नोटिस में आगे कहा है कि इस तरह के झूठे आख्यान गढ़ने का उद्देश्य स्पष्ट रूप से कहानी में तोड़-मरोड़ कर सिख समुदाय की भावनाओं को चोट पहुंचाना है। यह बोकारो पीड़ितों के साथ धोखा है। इस तरह के कृत्यों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। साथ ही, कहा है कि वेब सीरीज में कहानी को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है, इसलिए इस पर रोक लगाएं। इसमें सिख को जिस तरह पेश किया गया है, वैसा बिल्कुल नहीं है। बोकारो में इस तरह की कोई घटना आज तक सामने नहीं आई है। नोटिस की एक प्रति राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग, दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक समिति और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति को भी भेजी गई है। नोटिस में यह भी कहा गया है कि सिख समुदाय के सदस्यों ने आपकी टीम से विशेष रूप से अनुरोध किया था कि पीडि़तों के जख्मों को न कुरेदें और उन पर नमक न छिड़कें।
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