मीम अलिफ हाशमी
एक वायरल वीडियो ने पाकिस्तान के कतिपय इस्लामिक विद्वानों का चेहरा बेनकाब कर दिया है। इस वीडियो में पड़ोसी देश का एक चर्चित विद्वान छात्र के साथ दुष्कर्म करता साफ दिखाई दे रहा है। मुफ्ती ने उसकी ऐसी हालत कर दी है कि अब वह खुदकुशी करने को मजबूर है
एक वायरल वीडियो ने पाकिस्तान के कतिपय इस्लामिक विद्वानों का चेहरा बेनकाब कर दिया है। इस वीडियो में पड़ोसी देश का एक चर्चित विद्वान छात्र के साथ दुष्कर्म करता साफ दिखाई दे रहा है। मुफ्ती ने उसकी ऐसी हालत कर दी है कि अब वह खुदकुशी करने को मजबूर है।
छोटे-मोटे मदरसों से अक्सर मौलवियों द्वारा बच्चों से ज्यादतियों की खबरें आती रही हैं। ऐसी शिकायतें हाल के दिनों में अपने देश के भी कई मदरसों से आ चुकी हैं। मगर पाकिस्तान में हद ही हो गई।
मजहबी देश पाकिस्तान के सोशल एक्टिविस्ट एवं पेशे से वकील राहत ऑस्टिन ने एक 1ः 45 मिनट का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर किया है, जिसमें एक बुजुर्ग इस्लामिक विद्वान अपने छात्र के साथ दुष्कर्म करता दिखाई दे रहा है।
राहत आस्टिन के मुताबिक वीडियो में दिखने वाला शख्स पाकिस्तान का जाना-माना मुफ्ती अजीज-उल-रहमान है। राहत आस्टिन का कहना है कि यह इस्लामिक विद्वान पाकिस्तान में जिहाद और गैर-मुसलमानों के खिलाफ ईशनिंदा कानूनों का गलत इस्तेमाल करने के मामले में कुख्यात रहा है।
वीडियो के साथ ट्वीट में राहत ऑस्टिन ने कहा कि युवक मुफ्ती के बार-बार के बलात्कार से बेहद निराश हो चुका है। उसका कहना है कि वह खुद को मारने जा रहा है। युवक का कहना है कि वह मुफ्ती के खिलाफ कई जगह शिकायत कर चुका है, पर उसकी सुनने की बजाए लोग उसके ही जान के दुश्मन बन गए हैं।
ऐसे में सोचा जा सकता है कि इस्लामिक विद्वान अपने ही मजहब के लोगों से दुराचार करने से बाज नहीं आ रहा, वह भला दूसरे मत—पंथ के लोगों को कहां छोड़ता होगा।
पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट कहती है कि इमरान खान ने सत्ता संभालते समय भले ही अपने देश के अल्पसंख्यकों के विकास और उत्थान के लंबे-चौड़े दावे किए हों, पर हकीकत कुछ और ही है। उनकी सरकार में सब कुछ दावे क उलट हो रहा है। अल्पसंख्यकों की छोटी लड़कियों के अपहरण, दुष्कर्म और कन्वर्जन की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि हुई है। यहां तक कि कुछ जिहादियों ने कोरोना की पहली लहर में भोजन के बदले वहां के हिदुओं एवं ईसाइयों को कन्वर्ट तक किया। मानवाधिकार आयोग का कहना है कि प्रत्येक वर्ष एक हजार से अधिक अल्पसंख्यक लड़कियों का कन्वर्जन कराया जा रहा है। कन्वर्जन कराने के लिए कुख्यात लोगों में से एक मुफ्ती अजीज-उल-रहमान का छात्र के साथ आपत्तिजनक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होना इस बात का सबूत है कि वहां दबे, कुचले लोगों के साथ कितनी घिनौनी साजिश चल रही है।
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