वुहान वायरस के संक्रमण की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए डीआरडीओ पीएम केयर्स फंड से लगाने जा रहा है विभिन्न जिलों में 850 आक्सीजन प्लांट
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दूसरी लहर से तेजी से बाहर आते देश में अब संभावित तीसरी लहर की अग्रिम तैयारी शुरू कर दी है। और इस तैयारी में, ताजा खबरों के अनुसार, उत्तर प्रदेश और गुजरात सबसे आगे हैं। दोनों प्रदेशों में मुख्यमंत्रियों की अगआई में न सिर्फ तैयारी बैठकें हो चुकी हैं, बल्कि आवश्यक संसाधन जुटाने की प्रक्रिया चालू हो चुकी है। दूसरी लहर के दौरान, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जिस तरह रातोंरात आक्सीजन प्लांट खड़े किए, तेजस के उपकरणों की मदद से बहुत कम कीमत पर आक्सीजन कंसंटे्टरों की व्यवस्था की, उसे पूरे देश ने ही नहीं, दुनिया ने देखा और सराहा।
14 जून को एक और सुखद समाचार प्राप्त हुआ है कि अब डीआरडीओ पीएम-केयर्स फंड से देश के विभिन्न जिलों में 850 ऑक्सीजन प्लांट लगाने जा रहा है। डीआरडीओ प्रमुख डॉ. जी.सतीश रेड्डी ने खुद इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि जल्दी ही पीएम-केयर्स फंड से 850 आक्सीजन संयंत्र लगाने का काम शुरू हो रहा है।
रेड्डी ने आगे बताया कि ये 850 ऑक्सीजन संयंत्र देश के विभिन्न जिलों में लगाए जा रहे हैं। कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान चिकित्सकीय ऑक्सीजन के संकट के मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं। रेड्डी ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (डीएसटी) द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव चर्चा श्रृंखला के दौरान यह जानकारी दी। उनके अनुसार, डीआरडीओ कोरोना वायरस से मुकाबले में जरूरत पड़ने पर सभी प्रकार की सहायता प्रदान करने के लिए तैयार था। उल्लेखनीय है कि डीआरडीओ ने कोरोना संक्रमण से बचने के लिए 2डीजी दवा भी तैयार की थी जिसको अत्यंत प्रभावी माना गया है।
केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन डीआरडीओ द्वारा तैयार 2डीजी दवा लोकार्पित करते हुए (फाइल चित्र)
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान, रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने जिस तरह रातोंरात आक्सीजन प्लांट खड़े किए, तेजस के उपकरणों की मदद से बहुत कम कीमत पर आक्सीजन कंसंटे्टरों की व्यवस्था की, उसे पूरे देश ने ही नहीं, दुनिया ने देखा और सराहा।
रेड्डी ने कहा, ‘‘हमने दूसरी लहर के दौरान कई शहरों में कोरोना वायरस के मरीजों के लिए अस्थायी अस्पतालों की स्थापना की है। सभी अस्पताल आधुनिक हैं। हमने इन्हें ‘उड़न अस्पताल’ का नाम दिया है। इन्हें इस तरह से बनाया गया है कि वायरस इससे बाहर नहीं जा पाता है।’’ रेड्डी का कहना था,‘‘अगर तीसरी लहर आती है तो ये सारे अस्पताल संक्रमितों का संभालने में कारगर रहेंगे। सरकार इन आयामों पर तमाम हितधारकों के साथ बात कर रही है।’’
इस मौके पर रेड्डी ने डीआरडीओ द्वारा रक्षा क्षेत्र में आधुनिक प्रौद्योगिकी को लेकर किए जा रहे अनेक अनुसंधानों का भी उल्लेख किया। लोगों के फायदे के लिए कम लागत वाली लेकिन उच्च गुणवत्ता वाली प्रौद्योगिकी विकसित करने के बारे में भी बताया।
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