रितेश कश्यप
झारखंड के धनबाद में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने एक अनूठी पहल की है। स्वयंसेवकों ने विश्व पर्यावरण दिवस यानी 5 जून को एक मुहिम की शुरुआत की है। स्वयंसेवकों ने कोरोना काल में अपने परिजनों को गंवाने वाले लोगों से संपर्क कर उनसे उनकी याद में पौधारोपण करने का आग्रह किया और अच्छी बात यह है कि इस आग्रह को बहुत अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।
इन दिनों कोयला नगरी धनबाद में संघ के स्वयंसेवकों द्वारा शुरू की गई एक मुहिम की बड़ी चर्चा हो रही है। स्वयंसेवक उन लोगों के पास जा रहे हैं, जिन्होंने कोरोना के कारण अपने किसी परिजन को खोया है। स्वयंसेवक ऐसे लोगों के साथ पहले सहानुभूति जताते हैं और फिर उनसे आग्रह करते हैं कि अपने मृत परिजन के स्मरण में एक पौधा अवश्य लगाएं। इससे ऑक्सीजन की कमी को दूर करने में बहुत मदद मिलेगी। स्वयंसेवकों की बात लोगों को बेहद पसंद आ रही है और वे पौधारोपण भी करने लगे हैं। ऐसे लोगों में एक हैं धनबाद की ऐना कोलियरी के समीप रहने वाले युवक विक्रम सिंह। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों विक्रम की मां का कोरोना की वजह से देहांत हो गया था। जब संघ के स्वयंसेवक उनके पास पहुंचे तो उन्हें बहुत अच्छा लगा और वे तुरंत पौधा लगाने के लिए तैयार हो गए। विक्रम कहते हैं, ''काफी कोशिशों के बाद भी मेरी मां को ऑक्सीजन नहीं मिल पाई और अंत में वह हमें छोड़कर चल बसीं। अब मां की याद में पेड़ लगाकर उसकी सेवा करूंगा। इससे मां हमेशा हमारे साथ हैं, ऐसा महसूस होगा और दूसरी बात पर्यावरण की भी रक्षा होगी।''
कुछ ऐसे ही विचार हैं चास नाला में रहने वाले ब्योमकेश ओझा के। उन्होंने अपने मृत ससुर के नाम से एक पौधा लगाया है। वे कहते हैं, ''कोरोना काल ने लोगों को पेड़ का महत्व समझा दिया है।'' उन्होंने यह भी कहा कि लोग अधिक से अधिक पेड़ लगाएं। प्रकृति में संतुलन बना रहना चाहिए, अन्यथा कोरोना जैसी महामारी बार—बार आएगी।
इस अभियान से प्रेरित होकर धनसर के रमेश भी पौधा लगाने लगे हैं। कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने दो परिजन को कोरोना के कारण खोया है। रमेश कहते हैं, ''जब संघ के स्वयंसेवक मेरे पास आए और अपने परिजन की याद में पेड़ लगाने की बात कही तो मुझे बहुत अच्छा लगा। अब मैं तो पेड़ लगा ही रहा हूं और दूसरों को भी पेड़ लगाने के लिए प्रेरित कर रहा हूं।''
इस मुहिम की शुरुआत करने वाले धनबाद के स्वयंसेवक और भारत तिब्बत सहयोग मंच के राष्ट्रीय मंत्री अभिषेक सिंह ने बताया, ''कोरोना काल में कई लोगों को ऑक्सीजन की कमी से मरते देखा। उसी दिन सभी स्वयंसेवकों ने ठाना कि लोगों को पेड़ लगाने और उसका संरक्षण करने के लिए जागरूक करेंगे। विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ही इस मुहिम को शुरू करते हुए 11 ऐसे परिवारों से मिले, जिनके परिजन कोरोना की वजह से गुजर चुके थे।''
इस अभियान के अन्तर्गत एक सप्ताह के अंदर 87 परिवारों से संपर्क किया गया है और इन सबने पौधे लगा भी लिए हैं।
सच में यह अभियान बहुत ही प्रेरणादायक और प्रशंसनीय है।
दस वर्षों से पत्रकारिता में सक्रिय। राजनीति, सामाजिक और सम-सामायिक मुद्दों पर पैनी नजर। कर्मभूमि झारखंड।
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