पाकिस्तानी जासूसों ने गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज बनाकर सैन्य प्रतिष्ठानों में किए फोन। पुलिस ने बंगलूरू से किया गिरफ्तार मोहम्मद कुट्टी और विश्वनाथन को
कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में जिहादी तत्वों और पाकिस्तानी जासूसों ने किस तरह अड्डे जमाए हुए हैं इसका एक बार फिर खुलासा हुआ है। भारत की सिलिकॉन वैली कहा जाने वाला आईटी का ये गढ़ उन्मादियों और पाकिस्तानी तत्वों की अराजकता के कई प्रकरण झेल चुका है। ताजा मामला बंगलूरू से पाकिस्तान के लिए जासूसी करने का है। मोहम्मद कुट्टी और गौतम विश्वनाथन की 11 जून को हुई गिरफ्तारी से एक सनसनीखेज राज से पर्दाफाश हुआ है। ये दोनों बंगलूरू में बैठकर फर्जी तरीके से हासिल किए सिम कार्डों के जरिए भारत में विभिन्न स्थानों से फोन पर सैन्य जानकारियां प्राप्त करके पाकिस्तान में बैठे अपने हैंडलर्स को भेजते थे। इनके कब्जे से छह स्थानों से 960 सिम कार्ड वाले 32 बक्से जब्त किए गए हैं।
इस मामले की जानकारी देते हुए बंगलूरू के पुलिस आयुक्त ने बताया कि जो ग्राहक नए फोन कनेक्शन लेने के लिए इनके पास पहुंचते थे, उनकी उंगलियों की छाप की मदद से ये सिम प्राप्त करते थे। कर्नाटक पुलिस और सैन्य गुप्तचरी की दक्षिणी कमान ने यह खुलासा करते हुए बताया है कि इस गैरकानूनी नेटवर्क के लोग छह जगह से सैन्य ठिकानों सूचनाएं और सैन्य गतिविधियों की पूरी जानकारी पाकिस्तान में बैठे अपने आकाओं को देते थे।
पिछले अप्रैल माह में सेना के सिलीगुड़ी वाले हेल्पलाइन नंबर पर कई फोन आए जिनमें सेना के बारे में कुछ जानकारियां मांगी गई थीं। ऐसी अजीब सी मांग सुनकर सैन्य अधिकारी चौकन्ने हो गए थे। जिसने फोन किया वह सीमा पार का जासूस अपने को सेना का अधिकारी बता रहा था और उसी हैसियत से वे जानकारियां मांग रहा था। ऐसे फोन अन्य स्थानों पर भी किए गए थे जैसे फोन के आने—जाने को नियंत्रित करने वाला दफ्तर, मुख्य रक्षा लेखा नियंत्रक का दफ्तर पर भी किए गए थे। पाकिस्तान में बैठे गिरफ्तार जासूसों के हैंडलर्स ऐसे फोन छह गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंजों से करा रहे थे। वे भारतीय सेना के बारे में अंदर की बातें जानना चाहते थे।
खोजबीन की तो पता चला कि फोन आने का ठिकाना बंगलूरू में है। इसके बाद सेना ने बंगलूरू की पुलिस से संपर्क साधा। सैन्य गुप्तचरी और आतंकवाद निरोधी विभागों ने एकसाथ छापे मार कर दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इसके अलावा अवैध टेलीफोन नेटवर्क में शामिल दो और लोगों को भी पकड़ा गया है।
पुलिस ने बयान जारी करके बताया कि उसने 7 जुन को तमिलनाडु और केरल के दो लोगों को पकड़ा है। ये हैं, केरल के मलप्पुरम का 36 साल का इब्राहिम पुलत्ती बिन मोहम्मद कुट्टी और बंगलूरू के बीटीएम लेआउट में रहने वाला तिरुपुर, तमिलनाडु का 27 साल का गौतम विश्वनाथन। दोनों ने बंगलूरू में बीटीएम लेआउट में ही गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज बना रखा था। उनकी निशानदेही पर उनके कब्जे से सिम कार्ड के 32 बक्से जब्त किए गए हैं जिनमें 960 सिम कार्ड लगाए जा सकते हैं। ये शहर के छह ठिकानों पर लगाए थे।
सेना के सिलीगुड़ी वाले हेल्पलाइन नंबर पर कई फोन आए जिनमें सेना के बारे में कुछ जानकारियां मांगी गई थीं। ऐसी अजीब सी मांग सुनकर सैन्य अधिकारी चौकन्ने हो गए थे। जिसने फोन किया वह अपने को सेना का अधिकारी बता रहा था। ऐसे फोन अन्य स्थानों पर भी किए गए थे। पाकिस्तान में बैठे गिरफ्तार जासूसों के हैंडलर्स ऐसे फोन छह गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंजों के जरिए करा रहे थे। वे भारतीय सेना के बारे में अंदर की बातें जानना चाहते थे।
बंगलुरू के पुलिस आयुक्त ने बताया कि जो ग्राहक इनके पास नए फोन कनेक्शन के लिए आते थे, उनकी उंगलियों की छाप के बूते ये दोनों नए सिम हासिल करते थे। पता चला है कि इब्राहिम पहले दुबई में ड्राइवर का काम करता था वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल (वीओआईपी) की मदद से बंगलुरू में गैरकानूनी टेलीफोन एक्सचेंज लगाने के लिए यहा पहुंचाा था। दूसरा, तमिलनाडु का गौतम एक्सचेंज चलाया करता था।
पुलिस ने गिरफ्तार किए गए लोगों पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण और सरकारी कोष से अवैध टेलीफोन एक्सचेंज बनाकर फर्जीवाड़ा करने का आरोप लगाया गया है। उधर, सेना के गुप्तचरी खुफिया और कानून प्रवर्तन के प्रेस नोट के अनुसार, पकड़े गए अपराधियों पर देश की सुरक्षा में बाधा डालने का भी मामला दर्ज किया गया है।
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