कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कुछ निजी कोविड अस्पतालों ने मरीजों से मनमाने ढंग से धन उगाही की थी. उस समय भी उत्तर प्रदेश सरकार ने आदेश दिया था कि निजी कोविड अस्पताल, कोरोना मरीजों से धन उगाही न करें मगर उसके बावजूद भी कुछ अस्पताल अपनी हरकत से बाज नहीं आये. अब योगी सरकार, उन अस्पतालों की खबर ले रही है. सरकार की सख्ती देख अस्पताल अब मरीजों की धनराशि लौटा रहे हैं.
लखनऊ, हापुड़ और मेरठ जनपद में इस प्रकार की शिकायत शासन के संज्ञान में आई थी. लखनऊ के कुछ अस्पतालों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई गई. शासन के आदेश पर हापुड़ जिला प्रशासन ने निजी कोविड अस्पतालों को नोटिस दिया. इसके साथ ही निजी कोविड अस्पतालों को तय सीमा से अधिक धनराशि लौटाने के लिए कहा गया.
हापुड़ जनपद में देव नंदिनी अस्पताल में भर्ती 30 मरीजों, आरोग्य अस्पताल में भर्ती 12 मरीजों , जीएस अस्पताल में 2 मरीजों और रामा अस्पताल में 2 मरीजों से अतिरिक्त धन उगाही की गई थी. प्रशासन ने इन सभी मरीजों को धनराशि लौटाने के लिए कहा है. मेरठ जिला प्रशासन को भी इस प्रकार की कई शिकायतें प्राप्त हुई थीं. जिला प्रशासन द्वारा जांच कराए जाने पर 18 शिकायतें ऐसी पाई गई जिसमे अतिरिक्त धनराशि अस्पतालों ने जमा कराया था. मेरठ जनपद की सख्ती पर अस्पतालों ने धनराशि वापस लौटाया. इसी प्रकार गौतम बुद्ध नगर में भी धन उगाही की गई थी. वहां पर तीन मरीजों का पैसा वापस कराया गया.
उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान निजी कोविड अस्पतालों के लिए दर तय की गई थी. आईसीयू में भर्ती मरीजों के लिए प्रतिदिन 7,800 रुपए और आईसीयू वेंटीलेंटर के 9,000 रुपए तय किए गए थे. अस्पताल में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन, बेड, भोजन, नर्सिंग सर्विस, चिकित्सकीय जाँच एवं कंसल्टेशन का खर्च इसी शुल्क में जुड़ा हुआ था. इसी प्रकार सी.टी. स्कैन के लिए ढाई हजार रूपये दर तय की गई थी.
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