कोरोना संकट के बीच मीडिया का एक वर्ग लगातार झूठी खबरें परोस कर देश का माहौल बिगाड़ना चाह रहा है। इसमें मुख्यधारा मीडिया भी पीछे नहीं है। एक दिन पहले एक अंग्रेजी अखबार ने पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच झड़प की खबर छापी, जिसे भारतीय सेना ने फर्जी करार दिया है। सेना ने इसे दोनों देशों के बीच संबंध बिगाड़ने का प्रयास करार दिया। सेना ने स्पष्ट किया है कि दोनों देशों के सैनिकों के बीच किसी तरह का टकराव नहीं हुआ है। साथ ही, भारतीय सेना ने कहा है कि मीडिया तब तक ऐसी कोई भी रिपोर्ट प्रकाशित न करे, जब तक सेना के किसी भी आधिकाकारिक स्रोत से इसकी पुष्टि नहीं की जाए।
‘द हिंदू’ ने 23 मई को एक खबर चलाई, जिसका शीर्षक था ‘Minor face-off with Chinese troops in Galwan Valley’ यानी गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ बीच मामूली संघर्ष। इसमें लिखा गया कि मई के पहले सप्ताह में पूर्वी लद्दाख के गैर-गश्ती वाले क्षेत्र में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मामूली संघर्ष हुआ था। अखबार का दावा था कि यह खबर उसे सेना के आधिकारिक स्रोत से मिली है। लेकिन सेना ने खबर का खंडन किया और रिपोर्ट पर सख्त आपत्ति जताई है, खासकर इस खबर के शीर्षक पर। सेना ने बयान जारी कर स्पष्ट रूप से कहा कि मई 2021 के पहले सप्ताह में पूर्वी लद्दाख स्थित गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच ऐसी कोई झड़प नहीं हुई। यह खबर का स्रोत संभवत: वही हैं, जो लद्दाख में सीमा विवाद के निपटारे के लिए चल रही प्रक्रिया को पटरी से उतारने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही, कहा कि भारतीय सेना से जुड़ी किसी भी घटना का आधिकारिक स्रोत से पुष्टि किए बिना मीडिया संस्थान तीसरे पक्ष की अपुष्ट इनपुट के आधार पर खबर प्रकाशित नहीं करे।
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