कोरोना वायरस के संचरण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसमें लोगों को सचेत किया गया है कि कोरोना वायरस हवा में 10 मीटर तक फैलस सकता है। इसलिए संक्रमण का फैलाव रोकने और महामारी को खत्म करने के लिए लोग मास्क लगाएं, शारीरिक दूरी का पालन करें तथा बार-बार हाथ धोते रहें। साथ ही, परामर्श में कहा गया है कि हवादार घरों, कार्यालयों और अन्य खुले स्थानों में संक्रमण का खतरा कम होता है, जबकि बंद घरों, कार्यालयों आदि में संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यानी खुले वातावरण में संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में वायरस फैलने का जोखिम कम होता है।
सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार कार्यालय का कहना है कि कोरोना वायरस के मुख्यत: दो कारणों से फैलता है- एयरोसोल और ड्रॉपलेट्स। कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट्स हवा में दो मीटर तक जा सकते हैं, जबकि एयरोसोल उन ड्रॉपलेट्स को 10 मीटर दूर तक ले जा सकता है। यदि कोई व्यक्ति संक्रमित है, लेकिन उसमें कोई लक्षण नहीं दिख रहे हैं, तब भी वह पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है, जिससे अन्य लोग संक्रमित हो सकते हैं। मतलब, संक्रमित व्यक्ति द्वारा सांस छोड़ने, हंसने-बोलने, खांसने और छींकने से लार और नाक से होने वाले स्राव में वायरस निकलता है। संक्रमित व्यक्ति में लक्षण दिखने में दो सप्ताह तक का समय लग सकता है, इस दौरान वे दूसरों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इसलिए दोहरे मास्क पहनें या एन-95 मास्क का प्रयोग करें।
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