एनडीटीवी, टेलीग्राफ, वायर, स्क्रॉल, कारवां, क्विंट को पढ़ते हुए कभी लगा ही नहीं कि दिल्ली किसी गलत हाथों में है। सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार की विज्ञापन नीति भी काफी उदार रही। अपने प्रिय मीडिया संस्थानों को उन्होंने कभी निराश नहीं होने दिया।
आज कोविड काल में साफ—सुथरी और सुरक्षित हाथों की दिल्ली का पर्दा गिर चुका है। राजधानी में प्रतिदिन मरने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और दिल्ली प्रमुख केजरीवाल इस चिन्ता में हैं कि उनके सरकार में मंत्री—विधायकों और अधिकारियों की सुरक्षा कैसे होगी ? उनके परिवार को पांच सितारा होटल में अस्पताल की सुविधा कैसे मिलेगी ? क्या दिल्ली के आम आदमी की जिम्मेवारी केजरीवाल की नहीं है ? पिछले 24 घंटे में 448 लोगों के मरने का सरकारी आंकड़ा है। इसी दौरान दिल्ली में 18043 कोविड—19 के नए मामले सामने आ गए। यह अब तक एक दिन में दिल्ली में मरने और कोविड पॉजिटिव होने वालों की अधिकतम संख्या है।
दिल्ली में इस समय अस्पताल और श्मशान पर समानान्तर काम चल रहा है और दिल्ली के मुख्यमंत्री जिस तरह बात—बात पर केन्द्र के सामने हाथ पसारते हुए नजर आते हैं। जिससे उनकी छवि एक लाचार मुख्यमंत्री की बने जो केन्द्र सरकार के सामने विवश है। जो एक झूठी गढ़ी हुई छवि है। यदि मुख्यमंत्री केजरीवाल से दिल्ली नहीं संभल रही, जैसा उनकी सरकार के एक कद्दावर मुसलमान विधायक साफ—साफ कह चुके हैं तो उन्हें अपना पद छोड़ देना चाहिए।
मटिया महल से आप विधायक शोएब इकबाल ने कहा,”दिल्ली में कोरोना की वजह से हालात बिगड़ते जा रहे हैं, दिल्ली के अस्पतालों में ना मरीजों के लिए बिस्तर है, ना ऑक्सिजन है, ना दिल्ली में दवाइयां मिल रही हैं, यहां कोई काम नहीं हो रहा है। ऐसे में दिल्ली के अंदर राष्ट्रपति शासन ही लगना चाहिए।”
अरविन्द केजरीवाल को जानने वाले और दिल्ली की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए पूरी राजधानी को श्मशान बना देने का डर दिल्ली वालों को लगने लगा है। उसके बाद भी केजरीवाल का इतिहास बताता है कि वे और उनके लोग यही कहते रहेंगे कि मोदी जी लकड़ियां उपलब्ध नहीं करा रहे, इसलिए हम शवों का अंतिम संस्कार ठीक से नहीं करवा रहे।
केजरीवाल इको सिस्टम के मीडिया संस्थान कोविड—19 के नाम से बीते कुछ दिनों से शव पत्रकारिता ही कर रहे हैं। केजरीवाल की राजनीति को पसंद करने वाली एनडीटीवी की एक पूर्व पत्रकार श्मशान में ही रिपोर्टिंग के लिए जा बैठी।
वर्तमान में दिल्ली के अंदर पॉजिटिविटी रेट 29.56 प्रतिशत है और इस वक्त कोविड 19 के 89,592 मरीज दिल्ली में हैं। इनमें 50,441 मरीज अपना ईलाज होम आइसोलेशन के अंदर रहकर कर रहे हैं।
जब दिल्ली के मुख्यमंत्री को बचाने के लिए योजना बनानी चाहिए। वे अपनी ताकत और ज्ञान केन्द्र सरकार के काम का श्रेय लेने में लगा रहे हैं।
अभी केजरीवाल ने एक वीडियो शेयर करते हुए कहा कि दिल्ली में 72 लाख राशन कार्ड धारकों को अगले दो महीने का राशन मुफ़्त में दिया जाएगा।
लेकिन सोशल मीडिया के इस दौर में झूठ का टिके रहना मुश्किल है। दिल्ली से सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने लिखा, ”प्रधानमंत्री मोदी जी द्वारा प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत मई और जून, 2021 तक दिल्ली समेत देश के 80 करोड़ ज़रूरतमंद लोगों को 5 किलो निःशुल्क अनाज देने का निर्णय पहले लिया जा चुका है। केजरीवाल जी झूठ बोलना छोड़ दिल्ली पर ध्यान केंद्रित कीजिए।”
ना जाने दिल्ली के मुख्यमंत्री को यह सदृबुद्धि कब आएगी कि यह समय राजनीति का नहीं बल्कि दिल्ली के लोगों का जीवन बचाने का है। यदि दिल्ली ही नहीं बचेगी फिर केजरीवाल राज कहां करेंगे ?
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