पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी ने कपूरथला नरेश को ईसाई होने से बचाया
July 18, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • ऑपरेशन सिंदूर
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • जनजातीय नायक
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत पंजाब

पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी ने कपूरथला नरेश को ईसाई होने से बचाया

by WEB DESK
Apr 5, 2021, 01:08 pm IST
in पंजाब
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

पंजाब में कन्वर्जन का पुराना इतिहास है। हालांकि इसके विरुद्ध संघर्ष की गौरवशाली गाथाएं भी हैं, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। हिंदू समाज के हर धार्मिक कार्य एवं यज्ञ व पूजा-पाठ के दौरान अनिवार्यत: गाई जाने वाली आरती ‘ओम जय जगदीश हरे’ के रचयिता पं. श्रद्धाराम फिल्लौरी (1837-1881) जालंधर के निकट फिल्लौर के रहने वाले थे। उस समय कपूरथला रियासत को इंग्लैंड से काफी मदद मिलती थी। इसलिए ईसाई मिशनरियों ने यह कह कर महाराजा रणधीर सिंह पर कन्वर्जन का दबाव बनाया कि अगर वे ईसाई बन जाते हैं तो सहायता और बढ़ सकती है। महाराजा तैयार हो गए। पोप का भी दिल्ली आगमन हुआ। लेकिन पं. श्रद्धाराम को इसकी भनक लग गई। उन्होंने महाराजा को रोकने की ठानी। जब वे महाराजा से मिलने गए तो उन्हें रोक दिया गया। लिहाजा, वे महल के आगे ही भूख हड़ताल पर बैठ गए। राजकीय पुजारी ने महाराजा को समझाया कि भले ही वे पं. श्रद्धाराम की बात न मानें, पर उनसे एक बार अवश्य मिल लें। महाराजा तैयार हो गए। पंडित जी एक हफ्ते तक उनके साथ महल में रहे। उन्होंने कपूरथला नरेश को हिंदू-सिख धर्म की महानता व ईसाइयों के षड्यंत्र के बारे में विस्तार से समझाया। इसका यह असर हुआ कि महाराजा ने फैसला बदल दिया और पं. श्रद्धाराम को हाथी पर बैठा कर ससम्मान उनके गृह फिल्लौर तक छोड़ कर आए।

लुधियाना में छापाखाना खुलने के बाद तेजी से ईसाइयत का प्रचार-प्रसार हुआ। लेकिन पं. श्रद्धाराम ने इस चुनौती का सामना किया। वे हिंदू-सिख धर्मग्रंथों की अच्छी बातों और शिक्षाओं के पोस्टर बनवा कर आसपास गांवों में बांटते तथा लोगों को ईसाइयों के प्रपंच से सावधान करते थे। पं. श्रद्धाराम पर हिमाचल प्रदेश केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. हरमंहिन्दर सिंह बेदी (हिंदी साहित्य सेवा पुरस्कार से सम्मानित) ने ‘पंडित श्रद्धाराम फिल्लौरी ग्रंथावली’ पुस्तक संपादित की है, जिसमें इस घटना का विस्तार से वर्णन किया गया है।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

पन्हाला दुर्ग

‘छत्रपति’ की दुर्ग धरोहर : सशक्त स्वराज्य के छ सशक्त शिल्पकार

जहां कोई न पहुंचे, वहां पहुंचेगा ‘INS निस्तार’ : जहाज नहीं, समंदर में चलती-फिरती रेस्क्यू यूनिवर्सिटी

जमानत मिलते ही करने लगा तस्करी : अमृतसर में पाकिस्तानी हथियार तस्करी मॉड्यूल का पर्दाफाश

Pahalgam terror attack

घुसपैठियों पर जारी रहेगी कार्रवाई, बंगाल में गरजे PM मोदी, बोले- TMC सरकार में अस्पताल तक महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं

अमृतसर में BSF ने पकड़े 6 पाकिस्तानी ड्रोन, 2.34 किलो हेरोइन बरामद

भारतीय वैज्ञानिकों की सफलता : पश्चिमी घाट में लाइकेन की नई प्रजाति ‘Allographa effusosoredica’ की खोज

डोनाल्ड ट्रंप, राष्ट्रपति, अमेरिका

डोनाल्ड ट्रंप को नसों की बीमारी, अमेरिकी राष्ट्रपति के पैरों में आने लगी सूजन

प्रयागराज में कांवड़ यात्रा पर हमला : DJ बजाने को लेकर नमाजी आक्रोशित, लाठी-डंडे और तलवार से किया हमला

बांग्लादेश में कट्टरता चरम पर है

बांग्लादेश: गोपालगंज में हिंसा में मारे गए लोगों का बिना पोस्टमार्टम के अंतिम संस्कार

पिथौरागढ़ सावन मेले में बाहरी घुसपैठ : बिना सत्यापन के व्यापारियों की एंट्री पर स्थानियों ने जताई चिंता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • जीवनशैली
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies